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निर्माण कार्य की अनुमति, जरूरी सामान नहीं मिलने से काम पर लॉक

- बजरी, सीमेंट, ईंट के साथ भवन निर्माण से जुड़ा अन्य सामान नहीं मिल रहा- श्रमिकों को निर्माण कार्य तक पहुंचने में परेशानी, कोरोना का डर भी कारण

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निर्माण कार्य की अनुमति, जरूरी सामान नहीं मिलने से काम पर लॉक

निर्माण कार्य की अनुमति, जरूरी सामान नहीं मिलने से काम पर लॉक

बीकानेर. लॉकडाउन की गाइडलाइन में भले ही भवन निर्माण कार्य को अनुमत कार्यों की सूची में डाला गया हो लेकिन निर्माण ठप पड़े है। लॉकडाउन लगने से पहले शुरू हो चुके निर्माण कार्य कुछ दिन तो जैसे-तैसे चले लेकिन अब वह बंद हो गए है। श्रमिकों और राजमिस्त्री को निर्माण कार्य स्थल तक पहुंचने में परेशानी, कोरोना संक्रमित होने का डर भी निर्माण कार्य बन होने का एक कारण रहा है। सबसे बड़ी वजह निर्माण सामग्री उपलब्ध नहीं होना रहा है। निर्माण सामग्री की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं है। एेसे में बजरी, सीमेंट और ईंट तो फोन पर ऑर्डर देकर मंगवाना संभव हो जाता है। लेकिन निर्माण कार्य के दौरान जरूरत पडऩे वाले अन्य सामान नहीं मिलते। एेसे में लोग अब कोई भी निर्माण नहीं कर रहे है।

भवन निर्माण कार्य बंद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित धीहाड़ी मजदूर हो रहे है। सुबह-सुबह मजदूरी की उम्मीद लेकर वह उन प्वाइंट पर पहुंचते है, जहां से निर्माण कार्य के लिए मजदूर उपलब्ध होते है। परन्तु कुछ घंटे इंतजार के बाद वापस खाली घर लौट तो है। कोई निर्माण कार्य के लिए मजदूर लेने ही नहीं आता। शहर में एमएस कॉलेज ऑवरब्रिज के पास, चौखुंटी पुलिया, मूरलीधर व्यास कॉलोनी, रानी बाजार समेत कई जगह सुबह-सुबह दर्जनों श्रमिक और राजमिस्त्री जुटते थे। इन दिनों इस सब जगह सन्नाटा पसरा रहता है।

बिक्री में ६० फीसदी की कमी

व्यापारी वासुदेव सोलंकी ने बताया की निर्माण सामग्री के सामान की दुकानें बंद होने के चलते ऑनलाइन ऑर्डर पर ही काम निर्भर है। निर्माण कार्य में काम आने वाले सरिये की बिक्री नाममात्र की रह गई है। कुछ समय में निर्माण सामग्री से जुड़े सामान की बिक्री में ६० फीसदी की कमी देखने को मिली है। लॉकडाउन की शुरुआत में बजरी, सीमेंट और ईंटों की बिक्री फिर भी ठीक रही। लेकिन जैसे-जैसे लॉकडाउन लम्बा खींचता गया, काम ठप होता गया।

दाम पर भी असर
गजनेर रोड़ पूल के नीचे ईंट, बजरी व कंक्रीट की बिक्री करने वालों ने बताया कि पुराना स्टॉक पड़ा माल अभी तक बेच रहे थे। जो पुराने रेट पर ही बेचा। अभी ईंट भट्टे बंद पड़े होने, तेल के रेट बढऩे से परिवहन महंगा होने तथा स्टॉक माल समाप्त होने के साथ ही थोके के रेट बढऩे लगे है। एेसे में अगले कुछ दिन में भाव और बढ़ेंगे।

बड़े प्रोजेक्ट बंद

लम्बे समय से दुकानें व ऑफिस बंद पड़े है। इसके चलते सीमेंट की बिक्री में कमी आई है। बड़े निर्माण प्रोजेक्ट और भवन निर्माण कार्य अभी लगभग बंद पड़े है। सीमेंट के दामों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। सरकारी टेंडर भी नहीं होने से बड़े प्रोजेक्ट नहीं मिल रहे।
भरत चौपड़ा, सीमेंट व्यवसायी

यह है दाम
सीमेंट पीपीसी- 325 रुपए थैला

सीमेंट ओपीसी- 350 रुपए थैला
सरिया नॉनब्रांड- 60 से 61 रुपए किलो

सरिया कंपनी- 76 रुपए प्रति किलो
गाटर- 66 रुपए प्रति किलो

ईंट- 3900 से 4200 रुपए प्रति हजार
बजरी- 1300 से 1500 रुपए ट्रॉली