
न हारमोनियम की धुन और न तबलों की थाप
बृजमोहन आचार्य-
बीकानेर. राजस्थान की संस्कृति को बढ़ावा देने और यहां के वाद्य यंत्रों की गूंज को सात समंदर तक पहुंचाने वाले लोक कलाकारों के सामने संकट खड़ा हो गया है। उनके पास न तो और कोई काम है और न ही उनके पास इतनी पूंजी है कि कहीं जाकर परिवार पालने का साधन जुटा सके। कोरोनाकाल में लॉकडाउन और ठप पड़े पर्यटन से उनके वाद्य यंत्र शांत हो गए हैं। सभी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रमों और शादी-विवाह तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विराम लगा हुआ है। तभी से लोक कलाकार अपने गांवों में बैठे है। इनकी रोजी रोटी के लिए भी कोई मदद करने आगे नहीं आया है।
खेतों में मजदूरी और मरम्मत के काम में लगे
लोक कलाकार बीबू खां ने बताया कि डेढ़ साल से उनके पास कोई काम नहीं है। न तो जागरण हो रहे हैं और न ही कहीं पर बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम। साथी कलाकार तो कहीं पर खेतों में बुवाई का काम करने लगे हैं तो कहीं पर मरम्मत कार्य कर पेट पाल रहे है। वाद्य यंत्रों को संदूकों में रख दिया है। कई कलाकार तो काम के लिए अपने शहर से बाहर चले गए हैं। कोरोना वायरस के आने के साथ ही उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
गाने-बजाने और नृत्य के अलावा कुछ नहीं आता
लोक नृत्यांगना खाटू संपेरा ने बताया कि लोक कलाकरों को गाने-बजाने और नृत्य के अलावा अन्य कोई काम नहीं आता है। राजस्थान में कोई काम नहीं होने के कारण वे हरियाणा, गुजरात, मुंबई तथा हिमाचल प्रदेश तक जाकर अपनी कला का प्रदर्शन कर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। कई कलाकार तो राजस्थान में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद आ गए थे, कई कलाकार तो जहां गए थे वहीं फंस गए है।
कलाकार आयोग का गठन करे सरकार
अपनी कला से सभी को सम्मोहित करने वाले इन कलाकारों की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने भी कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की है। जैसलमेर के लोक कलाकार गाजी खां बरना का कहना है कि कोरोना से लोक कलाकार सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। सरकार को चाहिए कि इन कलाकारों की श्रेणियां बनाकर पेंशन शुरू करें। साथ ही कलाकार आयोग का भी गठन हो। राजस्थान की लोक संस्कृति को बचाने तथा लोक कलाकारों को संरक्षण की आवश्यकता है।
सरकार रोजगार की व्यवस्था करे
वर्तमान हालात में सरकार को क्षेत्रीय कला को संरक्षण देना चाहिए। कलाकारों की विभिन्न तरह की श्रेणियां बनाकर उन्हें सम्मानजनक पेंशन दी जाए। जिससे महामारी इस दौर में थोड़ी मदद मिल सके। साथ ही उन्हें राशन वितरण की पुख्ता व्यवस्था भी होनी चाहिए।
-गोपालसिंह चौहान, सचिव लोकायन संस्था
Published on:
29 May 2021 07:19 pm
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
