इस बार भी दीपावली से छह दिन पूर्व पुष्य नक्षत्र होने के कारण खरीदारी का श्रेष्ठ योग रहेगा। हालांकि सोमवार को शाम 5.30 बजे पुष्य नक्षत्र शुरू हो गया था लेकिन मंगलवार शाम 4.38 बजे तक सामान खरीदने का श्रेष्ष्ठ योग रहेगा। इस समय अवधि में दिनभर नई वस्तुएं खरीदने का महत्व रहेगा। एसे में आभूषण, वस्त्र, भूमि इत्यादि की खरीदारी के लिए यह दिन श्रेष्ठ रहेगा। बाजारों में असल मायने में दीपावली की रौनक पुष्य नक्षत्र से ही शुरू हो जाती है। विशेष दिन होने के कारण बाजारों में जमकर खरीदारी भी होगी।
यह है नक्षत्र के मायने
पंचाग में पांच अंग है। इसमें ज्योतिष, तिथि, वार, नक्षत्र, योग व कर्ण। इन सबसे मिलकर पंचाग बनता है। प्रत्येक मनुष्य का जन्म नक्षत्रों में ही होता है। ज्योतिष शास्त्रों में 28 नक्षत्रों का महत्व है। इसमें पुष्य नक्षत्र को सबसे श्रेष्ठ माना गया है, जिसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है।
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र
सत्ताइस नक्षत्रों पुष्य आठवां नक्षत्र है। इसके उदय होने पर ज्योतिषी शुभ कार्य करने की सलाह देते हैं। पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। बारह राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसके अलावा चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं है। चंद्रमा धन का देवता है, इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यन्त पवित्र माना जाता है। इसलिए सोना, चांदी और नए सामान, वस्तुओं की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है।
इनकी करें खरीदारी
पंचागकर्ता पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार पुष्य नक्षत्र के दिन सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, वस्त्र, भूमि, वाहन खरीदना विशेष शुभ होता है। इसके अलावा इलेक्ट्रोनिक्स वस्तुएं भी खरीद सकते हैं। वहीं व्यापारी वर्ग बही खातों की खरीदारी करते है। इस दिन सुबह 8.43 से दोपहर 1.37 तक स्थिर लग्न एवं चंचल, लाभ, अमृत का चौघडि़या रहेगा। जो विशेष अच्छा है, इसके बाद दोपहर 2.47 से 4.30 बजे खरीदारी का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा।