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चुराकर किराए के बाड़े में छिपा देते, अब पकड़े गए, 21 बाइक जब्त

चुराकर किराए के बाड़े में छिपा देते, अब पकड़े गए, 21 बाइक जब्त

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चुराकर किराए के बाड़े में छिपा देते, अब पकड़े गए, 21 बाइक जब्त

चुराकर किराए के बाड़े में छिपा देते, अब पकड़े गए, 21 बाइक जब्त

बीकानेर. नयाशहर पुलिस और डीएसटी ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर शहर में बाइक चुराने पर दो युवकों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चुराई बाइकों को एक बाड़े से बरामद किया है। आरोपियों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से बाइक चुराना स्वीकार किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (आइपीएस) शैलेन्द्रसिंह इंदौलिया ने बताया कि रिड़मलसर हॉल सर्वोदय बस्ती निवासी हैदर अली पुत्र अमीन भाटी एवं बांगड़सर बज्जू निवासी मनफुल खां पुत्र कालू खां को गिरफ्तार किया गया है।


आरोपियों के कब्जे से २१ बाइक बरामद की गई है। बाइक चोरों को पकडऩे में हैडकांस्टेबल कानदान सांधू की विशेष भूमिका रही। विदित रहे कि नयाशहर थाने में बाइक चोरी की लगातार वारदातें हो रही है। इसी प्रकार हाल ही में एक अन्य बाइक चोरी का मामला दर्ज हुआ। इस पर पुलिस अधीक्षक प्रीतिचन्द्रा ने एएसपी सिटी से बाइक चोरों को पकडऩे के निर्देश दिए थे। नयाशहर सीआई गोविंदसिंह चारण एवं डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणिया के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम में एएसआई रामकरणसिंह, हैडकांस्टेबल कानदान सांधू, नरेश सिंह, अब्दुल सत्तार, साइबर सेल के हैडकांस्टेबल दीपक यादव, कांस्टेबल वासूदेव चारण, बीलबीरसिंह, सवाईसिंह राईका, दिलीपसिंह, राहुल, पूनम व अमरसिंह शामिल थे।


किराए पर ले रखा था बाड़ा
नयाशहर सीआई चारण ने बताया कि दोनों आरोपियों ने चोरी की बाइकों को छिपाकर रखने के लिए सर्वोदय बस्ती में एक बाड़े को किराए पर ले रखा था। बाड़े में किसी की आवाजाही नहीं थी। आरोपी अंधेरे में आकर बाइक को यहां पर खड़ी कर चले जाते थे। आरोपी हैदर पहले बाइक मरम्मत करने का काम करता था इसलिए कोई उस पर शक भी नहीं करता था। इसका वह फायदा उठा रहा था। आरोपी नई बाइक की चोरी करते थे। पुलिस को बरामद हुई बाइकों में सबसे पुरानी बाइक सवा साल की है। शेष सभी बाइक एक साल के भीतर खरीदी हुई है। चुराई गई बाइकों की कीमत करीब १५ लाख से अधिक है।

औने-पौने दाम में बेचते बाइक
आरोपी हैदर व मनफूल शातिर चोर हैं। दोनों हॉस्पिटल, बड़े शोरूम, गाड़ी पार्किंग स्थलों के पास खड़ी बाइकों को निशाना बनाते। मास्टर चाबी से बाइक का लॉक खोलकर ले जाते। सीसीटीवी में पहचान न हो इसके लिए वारदात करते समय मुंह पर कपड़ा बांधे रखते। बाइक चुराने के बाद तीन-चार दिन तक फरार रहते और बाइक छिपाकर रखते। बाद में ग्राहक की तलाश कर बाइक को औने-पौने दाम में बेच देते हैं।