
बीकानेर : मॉडल के सहारे संकट से समाधान तक का रोडमैप
भविष्य सुरक्षित हाथों में है। इसलिए क्योंकि देश का भविष्य (बालक-किशोर) चिंतित भी है और सचेत भी। बिजली-पानी, स्वास्थ्य, सिंचाई या पेयजल। ऐसे गंभीर विषयों पर विद्यार्थियों ने समाधान के साथ जो तस्वीर प्रस्तुत की, वह युवा भारत-सजग भारत की बानगी प्रस्तुत करती है। दरअसल, मंगलवार को यहां विज्ञान एवं प्रौद्याेगिकी विभाग परिसर में जब बीकानेर जोन के 28 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में अपना प्रजेंटेशन दिया, तो युवा भारत की यह तस्वीर सामने आई।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से किया गया था। होनहार विद्यार्थियों ने समस्याओं के हल को दर्शाते हुए मॉडल तैयार किए, जो उनकी कल्पनाशीलता, रचनात्कमता और समस्याओं के हल के उनके दृष्टिकोण का शानदार उदाहरण बने। जिस-जिस स्कूल के विद्यार्थी ने अपना मॉडल रखा, उसकी जानकारी भी देते रहे। ताकि और विद्यार्थी भी इस बारे में कुछ जान सकें और इसके उपयोग के महत्व से परिचित हो सकें।जोन के 28 विद्यार्थियों की भागीदारी
विज्ञान कांग्रेस में बीकानेर जोन के 28 विद्यार्थियों की भागीदारी रही। जोन में बीकानेर के अलावा सीकर, नागौर, झुंझुनूं, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ आदि जिले शामिल हैं। इनमें से कई जिलों में कड़ाके की सर्दी पड़ने की वजह से स्कूलों में अवकाश चल रहा है। ऐसे में कई विद्यार्थी नहीं आ सके। प्रतियोगिता में सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के 28 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और एक-एक मॉडल की उपयोगिता के बारे में समझाया।विद्यार्थियों ने बनाए ये मॉडल
राजकीय मोहता बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय राजगढ़ की छात्रा हर्षिता ने बताया कि उन्होंने डेंगू तथा मलेरिया से बचाव के लिए नीम की पत्तियों से तेल बना कर प्रस्तुत किया। इस तेल के लगाने से मच्छर शरीर को काटेंगे नहीं। खास बात है कि हर कोई घर पर ही इसका उत्पादन कर सकता है। उन्होंने प्रतियोगिता में तेल का उपयोग तथा इसे बनाने की विधि के बारे में भी बताया। वहीं, जैन पब्लिक स्कूल के छात्र हार्दिक चौधरी तथा गजेन्द्र भोजक ने तीन दिन लगाकर सोलर एनर्जी से संबंधित मॉडल बनाया। सोफिया स्कूल की छात्राएं सुरभि भारद्वाज, निहारिका, मान्या भूतना, भाव्या पाठक तथा अन्यासा गुप्ता ने भी पर्यावरण तथा ऊर्जा संबंधित मॉडल बनाकर प्रस्तुत किए।
प्रतिभाएं आगे लाना ही उद्देश्य
ऐसे आयोजन का मुख्य उद्देश्य सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को आगे लाना है। साथ ही विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करना है। इनके मॉडल को पहले जिला स्तर पर चयनित कर राज्य स्तर पर भेजेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर चयन किया जाएगा। प्रतियोगिता में यह सामने आया कि विद्यार्थियों में नए-नए आविष्कार करने की ललक पैदा हो रही है। - सुनील कुमार बोड़ा, अनुुसंधान अधिकारी विज्ञान एवं प्रौद्याेगिकी विभाग
Published on:
10 Jan 2023 10:54 pm
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