
फाइल फोटो
Bikaner News : अभी संगीत प्रेमी तबला वादक जाकिर हुसैन की मृत्यु का दर्द भूल ही नहीं पाए थे कि शनिवार सुबह एक खबर ने सभी को दुखी कर दिया। सूफी और भजन गायक रफीक सागर (72 वर्ष) का शनिवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक होने से उनकी मृत्यु हुई है। रफीक सागर ने बॉलीवुड और भोजपुरी की कई फिल्मों में संगीत दिया था। वह एक बेहतरीन किस्म के प्लेबैक सिंगर थे।
रफीक सागर के भजन 'सपने में सखी देखो नंद गोपाल' ने बीकानेर सहित पूरे देश के संगीत प्रेमियों के दिल में जगह बनाई। रफीक सागर के सूफी और भक्ति संगीत लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। बताया जाता है कि रफीक गजल के मशहूर गायक मेंहदी हसन को अपना उस्ताद मानते थे। रफीक सागर 50 वर्ष से संगीत की दुनिया में काम कर रहे थे।
रफीक सागर का जन्म बीकानेर के शीतला गेट स्थित मोहल्ला दमामियांन में हुआ था। उनके पिता मरहूम अल्लाह रखे खां एक मशहूर गायक थे। उनकी मां का नाम मेहरा बेगम था। रफीक सागर ने अपने पिता से संगीत सीखा। जहां लोग रफीक सागर के गजल, गीतों के मुरीद थे वहीं उनके भजन सभी को हरदिलअजीज हैं।
रफीक सागर के पुत्र राजा हसन संगीत की दुनिया का एक जाना-माना नाम हैं। रफीक सागर का निधन संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। रफीक सागर को हमेशा उनके अद्वितीय गायन और संगीत के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाएगा।
Updated on:
21 Dec 2024 01:47 pm
Published on:
21 Dec 2024 01:41 pm
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