परिवादी लालचंद सोनी ने रिपोर्ट में लिखा कि तत्कालीन एसीबी पुलिस अधीक्षक पर्बत सिंह, देव इन्फ्रा कम्पनी के प्रोपराइटर विनोद कुमावत, नगर विकास न्यास के सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता प्रेम वशिष्ठ तथा न्यास के ही सेवानिवृत्त सहायक अभियंता महावीर प्रसाद टाक ने मिलकर न्यास को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया। साथ ही गड़बड़ी को छिपाने के लिए अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। इससे पूर्व लालचंद सोनी के परिवाद पर जिला पुलिस अधीक्षक ने भी मामले की जांच कर आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की अनुशंसा की थी। जांच में सामने आया कि कार्य पूर्ण होने से पहले ही हाईमास्ट लाइटों को लेकर फर्जी एमबी एवं बिल तैयार कर फर्जी भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।
बीकानेर. तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल-२ की कट ऑफ लिस्ट जारी होने के बाद अब काउंसिलिंग ११ सितम्बर से होगी। जिला परिषदों की ओर से दस्तावेजों की जांच होगी। इस जांच के बाद २८ सितम्बर तक नियुक्ति दी जाएगी।