
डूबते सूर्य का किया पूजन, गूंजे छठ माता के गीत
बीकानेर. घर परिवार की सुख समृद्धि और संतानों के स्वस्थ्य रहने और दीर्घायु की कामना को लेकर छठ पूजन महापर्व (Chhath Pujan Mahaparva) आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन शुक्रवार को परम्परानुसार डूबते सूर्य को अघ्र्य देकर विविध पूजन सामग्रियों से पूजन कर मनोकामनाएं की गई। व्रतियों ने शाम के समय विधि विधान और पारम्परिक रूप से भगवान सूर्य और छठ माता का पूजन (Chhath Mata Puja) किया। सूरसागर के पास स्थित देवी मंदिर परिसर में व्रती महिलाओं ने स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया और पूजन किया।
सूर्य की उपासना के बाद रात्रि में छठ माता के गीत गाए गए और व्रत कथा सुनी गई। खरना की शाम से 36 घंटे के चल रहे निर्जल व्रत के दौरान छठ मईया और भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना चल रही है। महापर्व के चौथे और अंतिम दिन शनिवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर पूजन किया जाएगा व व्रती अपने व्रत का पारण या परना करेंगे। चतुर्थी को नहाय खाय के साथ शुरू हुए इस महापर्व के तहत पंचमी को खरना हुआ। व्रतियों ने शाम से निर्जल रहकर उपवास शुरू किया। सप्तमी की सुबह सूर्य पूजन के बाद व्रत का पारण या परना होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ पूजन लोकपर्व के रूप में आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। बीकानेर में रह रहे इन प्रदेशों के निवासी छठ पूजा महापर्व धूमधाम के साथ मना रहे है।
Published on:
21 Nov 2020 08:04 am
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