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इस कस्बे की जिला बनने की आस रह गई अधूरी

एशिया की सबसे बड़ी मोठ मंडी के रूप में विख्यात है नोखा

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इस कस्बे की जिला बनने की आस रह गई अधूरी

इस कस्बे की जिला बनने की आस रह गई अधूरी

नोखा. एशिया की सबसे बड़ी मोठ मंडी के रूप में प्रसिद्ध नोखा कस्बे को जिला बनाने की मांग गत एक दशक से हो रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में 19 नए जिले बनाने की गई घोषणा में नोखा को शामिल नहीं करने से लोग मायूस हो गए। हालांकि जिले के लिए नोखा के पास आधार भी है। बीकानेर जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर और क्षेत्रफल के लिहाज से भी जिले का सबसे बड़ा उपखंड है। उपखंड में नोखा व पांचू दो पंचायत समितियां हैं। इसमें नोखा की 43 और पांचू पंचायत समिति की 33 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। परिवहन विभाग ने भी वर्ष 2013 में नोखा में जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय शुरू कर दिया था।

इनका कहना है

वर्ष 2013 में प्रस्ताव भी सरकार को दिया गया था, लेकिन उस समय घोषणा नहीं हो पाई थी। इस बार के बजट में उम्मीद थी। प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
-कन्हैया लाल झंवर, पूर्व संसदीय सचिव, नोखा।

नोखा को जिला बनाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी किए थे। सन 2018 में नोखा से जयपुर तक पदयात्रा कर राज्यपाल व मुख्यमंत्री को मांगपत्र भी दिया था। नोखा को जिला बनाने के लिए आगे भी प्रयास करते रहेंगे।
-मगनाराम केड़ली, युवा नेता नोखा।

नोखा को जिला बनाने की मांग काफी समय से की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा नोखा को जिले का दर्जा नहीं देकर उसकी उपेक्षा की गई है। आगामी चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।
-रामप्यारी देवी तर्ड, प्रधान नोखा।

नोखा जिला घोषित करने के लिए आवश्यक आधार भी था। जिला बनने से नोखा क्षेत्र विकास के नए आयाम स्थापित करता। बड़े सरकारी कार्यालय शुरु होने से लोगों को राहत भी मिलती।
-कन्हैया लाल सियाग, पूर्व प्रधान नोखा।