अबूझ मुहूर्त, बंधेंगे परिणय सूत्र में देव उठनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त पर जिले में शहर से ग्रामीण क्षेत्रों तक बड़ी संख्या में विवाह आयोजन होंगे। माली सैनी समाज और श्री विश्वकर्मा सुथार समाज के सामूहिक विवाह समारोह होंगे, जिनमें दर्जनों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। जिन परिवारों में देव उठनी एकादशी के दिन विवाह कार्यक्रम होने है, उनमें तैयारियां चल रही है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित भवनों की बुकिंग हो चुकी है। बैण्ड, डीजे, लाइट डेकारेशन, घोड़ी, रथ, हलवाई इत्यादि की भी बुकिंग हो चुकी है। बाजारों में देव उठनी एकादशी व उसके बाद के शुभ मुहर्तों में होने वाले विवाह आयोजनों के लिए विभिन्न प्रकार के सामान की खरीदारी का क्रम चल रहा है। विवाह के निमंत्रण पत्रों के वितरण का क्रम प्रारंभ हो गया है।
शुभ मुहूर्तों में होंगे विवाह ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार कार्तिक शुक्ला एकादशी के अबूझ मुहूर्त से शादी-विवाह के आयोजन प्रारंभ होंगे। चातुर्मास में चार महीनों तक विवाह व मांगलिक कार्यक्रमों के निषेध रहने के बाद 12 नवम्बर से पुन: शुरूआत होगी। इस दिन तुलसी-सालगराम के विवाह आयोजन भी होंगे। पंडित किराडू के अनुसार नवम्बर में 12, 17, 22, 24 और 27 नवम्बर विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। इसी प्रकार दिसंबर में 1, 9 और 10 दिसंबर को शुभ मुहूर्त है। जनवरी 2025 में 16, 18, 21, 22 और 23 जनवरी, फरवरी में 2, 6, 7, 8, 13, 14, 18, 20, 21 व 25 तारीख, मार्च में 1, 5 और 6 मार्च शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। 2 फरवरी को बसंत पंचमी और 1 मार्च को फुलरिया बीज के अबूझ मुहूर्त है।