
देवस्थान विभाग ने पांच साल के लिए लीज पर दी धर्मशाला, ठेकेदार ने कमाई के लिए पार्किंग को बनाया पार्क
बीकानेर. रतन बिहारी पार्क परिसर में करीब एक करोड़ रुपए की लागत से तैयार धर्मशाला जरूरतमंद लोगों को ठहरने के लिए देने की बजाय शादी-समारोह आयोजन के काम में लेने की तैयारी कर ली गई है। देवस्थान विभाग ने धर्मशाला को पांच साल के लिए लीज पर दिया है। इसके बाद ठेकेदार ने कमाई के लिए धर्मशाला के सामने वाहन खड़े करने को छोड़ी खाली जगह में पार्क विकसित कर शादी-समारोह के लिए धर्मशाला किराये पर देने को तैयार कर लिया है। धर्मशाला निर्माण का उद्देश्य यहां आने वाले पर्यटकों और अन्य आमजन को ठहरने के लिए रियायती दर पर सुविधा उपलब्ध कराना था।
विभाग की ओर से धर्मशाला की देखभाल और संचालन के लिए एक फर्म के साथ एमओयू किया गया था। ठेकेदार फर्म ने एमओयू में किए कुछ प्रावधानों का फायदा उठाते हुए धर्मशाला के उद्देश्य के विपरीत पार्क विकसित कर व्यावसायिक उपयोग के लिए काम में लेने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि एमओयू में संचालक को धर्मशाला का उपयोग शादी-समारोह के लिए करने की छूट दी गई है। इससे अब जरूरतमंद को धर्मशाला की छत मिलने पर संशय पैदा हो गया है।
जरूरतमंद रहे दूर
वर्ष २०१५ में बनकर तैयार हुई यह धर्मशाला अब तक जरूरतमंदों को छत उपलब्ध करवाने के काम नहीं आ सकी है। पहले तीन सालों तक यह देवस्थान विभाग के पास रही, विभाग इसका संचालन ही नहीं कर पाया। अब जिस प्रकार की शर्तों के साथ इसको एक निजी फर्म को लीज पर दिया गया है, उसको देखते हुए नहीं लगता है कि यह धर्मशाला अब भी जरूरतमंदों के काम आएगी। वहीं धर्मशाला का संचालन कर रही फर्म के संचालक शंकर चांडक का कहना है कि धर्मशाला के आगे भूमि को किराये पर देने के लिए देवस्थान विभाग को प्रस्ताव दिया हुआ है।
सालभर के महज ८ लाख रुपए
धर्मशाला को लीज पर देने के प्रावधानों पर भी सवाल उठने लगे हैं। फर्म को ८६२० वर्गफुट में बनी २२ कमरों व दो हॉल वाली दो मंजिला धर्मशाला को महज ८ लाख रुपए सालान की दर पर दिया गया है। संचालक को पर्यटकों को धर्मशाला में कमरा किराये पर उपलब्ध कराना था, लेकिन अब इस पूरी धर्मशाला को विवाह-समारोह करने वालों को देने की तैयारी हो रही है।
Published on:
06 Feb 2019 10:45 am
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