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‘पूर्व’ के रण में विकास के मुद्दों पर लगा उदासीनता का ग्रहण

बीकानेर पूर्व : पर्याप्त राजनीतिक अनुभव वाले दोनों प्रत्याशी आमजन का चेहरा बनने लिए कर रहे जद्दोजहद

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‘पूर्व’ के रण में विकास के मुद्दों पर लगा उदासीनता का ग्रहण

चुनावी जनसम्पर्क के दौरान गोलगप्पे का जायका लेती भाजपा प्रत्याशी सिद्धि कुमारी एवं कचौड़ी तलते कांग्रेस प्रत्याशी यशपाल गहलोत।

ऐतिहासिक जूनागढ़ और रियासतकालीन भवनों में चल रहे विश्वविद्यालय व शिक्षा निदेशालय जैसे प्रमुख संस्थान के साथ पॉश कॉलोनियों में मल्टीनेशनल कम्पनियों के शोरूमों की चमक वाला बीकानेर सिटी पुराने शहर से अलग दिखता है। इसे समेटे बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में केईएम रोड, रेलवे लाइन के पास लगते शहर के हिस्से आते हैं।

साथ ही गंगाशहर-भीनासर के कुछ बाशिंदें और शहर से सटे रिडमलसर और उदरामसर के ग्रामीण वोटर भी इसमें शामिल हैं। सीट गठन से लेकर अब तक पन्द्रह साल में तीनों विधानसभा चुनाव भाजपा की सिद्धि कुमारी ने जीते हैं। चौथी बार फिर मैदान में है।

वहीं कांग्रेस की ओर से हर बार नया प्रयोग विफल रहने के बाद इस बार करीब एक दशक से संगठन की कमान संभाल रहे युवा यशपाल गहलोत को प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चौरड़िया चौक में सभा कर कांग्रेस के चुनावी प्रचार का शंखनाद कर चुके हैं। दोनों ही पार्टी प्रत्याशी लम्बी राजनीतिक यात्रा के बावजूद आमजन में चेहरे की पहचान कायम करने की चुनौती से जूझते दिख रहे हैं।

भाजपा:जनता के बीच रहने का वादा

भाजपा ने जल्दी प्रत्याशी घोषित कर शुरुआती बढ़त ली लेकिन यह समय टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने में ही निकल गया। अब चुनावी टोली लेकर घूम रही सिद्धि कुमारी का पूरा फोकस ’महलों की राजकुमारी’ की छवी से बाहर आकर आमजन की ’बाईसा’ बनने पर है। समर्थक भी प्रचार के दौरान आमजन में घुलने-मिलने की तस्वीरों को खूब वायरल कर रहे हैं। महिला होने से वे किसी भी घर के चूल्हे-चौके तक सहजता से पहुंच जाती है। पवनपुरी, व्यास कॉलोनी जैसी पॉश कॉलोनियों में पढ़े-लिखे लोगों के बीच जाने पर विधायक बनने के बाद जनता के बीच नहीं आने का उलाहना जरूर मिल रहा है। इस पर सिद्धि भविष्य में ऐसा नहीं होने का वादा और विश्वास दिलाकर साध रही है।

कांग्रेस: सुख-दुख में साथ खड़े रहने का वादा

दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी यशपाल गहलोत लम्बे समय से शहर जिला कांग्रेस की कमान संभाले हुए है। फिर भी आमजन में अपनी पहचान कायम करने के लिए जद्दोजहद कर रहे है। देरी से टिकट घोषणा होने के बाद अभी तक नामांकन दाखिल कर कोर टीम के साथ चुनावी रणनीति ही बना पाए है।

दो दिन से जनसम्पर्क में उतरे है और सबसे पहले कर्मचारी वर्ग और अधिवक्ताओं व प्रोफेशनल को साधने में जुट गए। उनकी एक टीम ओबीसी वर्ग को साधने के लिए मैदान में उतारी जा चुकी है। जहां भी जा रहे हैं भाजपा प्रत्याशी के जीतने के बाद निष्क्रिय रहने का आरोप लगाते हुए वादा कर रहे है कि वह हमेशा सुख-दुख में साथ खड़े रहेंगे।


प्रत्याशियों के 3 वादे

जनता के बीच रहेंगे और विकास कराएंगे।

सड़क और सीवरेज समेत मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था।

लालगढ़ रेलवे ओवरब्रिज का काम जल्दी पूरा कराना।

क्षेत्र के 3 प्रमुख मुद्दे

सूरसागर की दुर्दशा, बदहाल सड़कें और सीवरेज सिस्टम।

नई बसी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास।

बढ़ते अपराध, व्यापारियों को धमकाकर रंगदारी वसूली।

वोटर कहिन...

पेयजल, बिजली, सड़क, पार्क, जलनिकासी से जुड़ी परेशानियां ज्यादा है। पॉश कॉलोनियां और जिले के प्रशासन संचालन वाले ऑफिस यहां होने के बावजूद लोगों में विकास के मुद्दों के प्रति उदासीनता खलती है।

- मोहित शर्मा, युवा

सूरसागर और वर्षा जलनिकासी की हालत साल दर साल बिगड़ती जा रही है। ट्रैफिक की समस्या भी बड़ी है। शहर का फैलाव हो रहा है लेकिन सिटी ट्रांसपोर्ट नहीं है। लालगढ़ रेलवे ओवरब्रिज पांच साल से अधूरा पड़ा है।

- एडवोकेट राजकिशोर पणिया

विस चुनाव 2018 : दोनों पार्टी प्रत्याशियों को मिले मत

पार्टी मत मिले मत प्रतिशत

भाजपा 73174 47.70

कांग्रेस 66113 43.10

लोस चुनाव 2019: पूर्व विस क्षेत्र के मतों का गणित

पार्टी मत मिले विस. चुनाव से घटे/ बढ़े

भाजपा 95164 21990

कांग्रेस 51605 14508
बीकानेर पूर्व : पर्याप्त राजनीतिक अनुभव वाले दोनों प्रत्याशी आमजन का चेहरा बनने लिए कर रहे जद्दोजहद
‘पूर्व’ के रण में विकास के मुद्दोंपर लगा उदासीनता का ग्रहण


बीकानेर. ऐतिहासिक जूनागढ़ और रियासतकालीन भवनों में चल रहे विश्वविद्यालय व शिक्षा निदेशालय जैसे प्रमुख संस्थान के साथ पॉश कॉलोनियों में मल्टीनेशनल कम्पनियों के शोरूमों की चमक वाला बीकानेर सिटी पुराने शहर से अलग दिखता है। इसे समेटे बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में केईएम रोड, रेलवे लाइन के पास लगते शहर के हिस्से आते हैं। साथ ही गंगाशहर-भीनासर के कुछ बाशिंदें और शहर से सटे रिडमलसर और उदरामसर के ग्रामीण वोटर भी इसमें शामिल हैं। सीट गठन से लेकर अब तक पन्द्रह साल में तीनों विधानसभा चुनाव भाजपा की सिद्धि कुमारी ने जीते हैं। चौथी बार फिर मैदान में है।

वहीं कांग्रेस की ओर से हर बार नया प्रयोग विफल रहने के बाद इस बार करीब एक दशक से संगठन की कमान संभाल रहे युवा यशपाल गहलोत को प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चौरड़िया चौक में सभा कर कांग्रेस के चुनावी प्रचार का शंखनाद कर चुके हैं। दोनों ही पार्टी प्रत्याशी लम्बी राजनीतिक यात्रा के बावजूद आमजन में चेहरे की पहचान कायम करने की चुनौती से जूझते दिख रहे हैं।

भाजपा: जनता के बीच रहने का वादा

भाजपा ने जल्दी प्रत्याशी घोषित कर शुरुआती बढ़त ली लेकिन यह समय टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने में ही निकल गया। अब चुनावी टोली लेकर घूम रही सिद्धि कुमारी का पूरा फोकस ’महलों की राजकुमारी’ की छवी से बाहर आकर आमजन की ’बाईसा’ बनने पर है। समर्थक भी प्रचार के दौरान आमजन में घुलने-मिलने की तस्वीरों को खूब वायरल कर रहे हैं। महिला होने से वे किसी भी घर के चूल्हे-चौके तक सहजता से पहुंच जाती है। पवनपुरी, व्यास कॉलोनी जैसी पॉश कॉलोनियों में पढ़े-लिखे लोगों के बीच जाने पर विधायक बनने के बाद जनता के बीच नहीं आने का उलाहना जरूर मिल रहा है। इस पर सिद्धि भविष्य में ऐसा नहीं होने का वादा और विश्वास दिलाकर साध रही है।

कांग्रेस: सुख-दुख में साथ खड़े रहने का वादा

दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी यशपाल गहलोत लम्बे समय से शहर जिला कांग्रेस की कमान संभाले हुए है। फिर भी आमजन में अपनी पहचान कायम करने के लिए जद्दोजहद कर रहे है। देरी से टिकट घोषणा होने के बाद अभी तक नामांकन दाखिल कर कोर टीम के साथ चुनावी रणनीति ही बना पाए है। दो दिन से जनसम्पर्क में उतरे है और सबसे पहले कर्मचारी वर्ग और अधिवक्ताओं व प्रोफेशनल को साधने में जुट गए। उनकी एक टीम ओबीसी वर्ग को साधने के लिए मैदान में उतारी जा चुकी है। जहां भी जा रहे हैं भाजपा प्रत्याशी के जीतने के बाद निष्क्रिय रहने का आरोप लगाते हुए वादा कर रहे है कि वह हमेशा सुख-दुख में साथ खड़े रहेंगे।

चुनावी जनसम्पर्क के दौरान गोलगप्पे का जायका लेती भाजपा प्रत्याशी सिद्धि कुमारी एवं कचौड़ी तलते कांग्रेस प्रत्याशी यशपाल गहलोत।


प्रत्याशियों के 3 वादे

जनता के बीच रहेंगे और विकास कराएंगे।

सड़क और सीवरेज समेत मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था।

लालगढ़ रेलवे ओवरब्रिज का काम जल्दी पूरा कराना।

क्षेत्र के 3 प्रमुख मुद्दे

सूरसागर की दुर्दशा, बदहाल सड़कें और सीवरेज सिस्टम।

नई बसी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास।

बढ़ते अपराध, व्यापारियों को धमकाकर रंगदारी वसूली।

वोटर कहिन...

पेयजल, बिजली, सड़क, पार्क, जलनिकासी से जुड़ी परेशानियां ज्यादा है। पॉश कॉलोनियां और जिले के प्रशासन संचालन वाले ऑफिस यहां होने के बावजूद लोगों में विकास के मुद्दों के प्रति उदासीनता खलती है।

- मोहित शर्मा, युवा

सूरसागर और वर्षा जलनिकासी की हालत साल दर साल बिगड़ती जा रही है। ट्रैफिक की समस्या भी बड़ी है। शहर का फैलाव हो रहा है लेकिन सिटी ट्रांसपोर्ट नहीं है। लालगढ़ रेलवे ओवरब्रिज पांच साल से अधूरा पड़ा है।

- एडवोकेट राजकिशोर पणिया

विस चुनाव 2018 : दोनों पार्टी प्रत्याशियों को मिले मत

पार्टी मत मिले मत प्रतिशत

भाजपा 73174 47.70

कांग्रेस 66113 43.10

लोस चुनाव 2019: पूर्व विस क्षेत्र के मतों का गणित

पार्टी मत मिले विस. चुनाव से घटे/ बढ़े

भाजपा 95164 21990

कांग्रेस 51605 14508