18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पहले शारीरिक संबंध बनाए, बाद में मांगें 15 लाख रुपए, अब युवती के खिलाफ मुकदमा

हनी ट्रेप का एक और मामला आया सामने

3 min read
Google source verification
पहले शारीरिक संबंध बनाए, बाद में मांगें 15 लाख रुपए, अब युवती के खिलाफ मुकदमा

पहले शारीरिक संबंध बनाए, बाद में मांगें 15 लाख रुपए, अब युवती के खिलाफ मुकदमा

बीकानेर. राजस्थान पत्रिका में हनी ट्रेप की खबरें प्रकाशित होने के बाद कई लोगों को हिम्मत मिली और वे सामने आने लगे हैं। हनी ट्रेप से पीडि़त ऐसे ही एक व्यक्ति ने दो साल बाद युवती के खिलाफ बलात्कार का झूठा मामला दर्ज कराने एवं साढ़े आठ लाख रुपए ऐंठने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। सदर पुलिस थाने में दी रिपोर्ट में पीडि़त ने आरोप लगाया कि युवती ने दो साल पहले प्यार के जाल में फंसाकर शारीरिक संबंध बनाए। बाद में 15 लाख रुपए की मांग करने लगी। पीडि़त की ओर से युवती के खिलाफ दर्ज इस मामले में नया पहलू सामने आया है।

सदर पुलिस के अनुसार मुक्ता प्रसाद कॉलोनी निवासी रिजवान पुत्र अब्दुल रसीद पठान ने नयाशहर थाना क्षेत्र की एक युवती पर ब्लैकमेल करनेए साढ़े आठ लाख रुपए ऐंठनेए ब्लात्कार का झूठा मामला दर्ज कराने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि युवती ने उसके साथ प्रेम का स्वांग रचा और शारीरिक संबंध बनाए। बाद में युवती ने 15 लाख रुपए की मांग की। इतनी बड़ी रकम देने में असर्थता जताने पर वर्ष 2018 में नयाशहर थाने में बलात्कार का झूठा मामला दर्ज करवा दिया। युवती व उसके सहयोगियों ने जेल जाने से बचाने के लिए समझौता करने का दबाव बनाया। इस पर 14 फरवरी 2018 व 12 अक्टूबर 2018 को कचहरी परिसर में साढ़े आठ लाख रुपए दिए। पीडि़त का आरोप है कि युवती भविष्य में कभी उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं करवा देए इसलिए साढ़े आठ लाख रुपए की युवती की फोटो लगे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए।


अखबारों में आई खबरों से हकीकत पता चली

पीडि़त ने बताया कि उसके साथ युवती ने दो साल पहले उसके साथ धोखा और ब्लैकमेल का अपराध कारित किया। तब वह कुछ नहीं कर सका। अब अखबारों में प्रकाशित खबर से इस युवती की हकीकत का पता चला। यह युवती हनी ट्रेप के मामलों में उलझा कर रुपए ऐंठने की आदतन महिला है। इसलिए इसके खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज कराया है। उसने बताया कि युवती की एक साथी महिला ने हाल ही में एक अन्य होटल संचालक को फंसाकर उससे 35 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। वहीं नोखा के एक क्रिकेट बुकी को हनी ट्रेप में उलझाकर 80 लाख रुपए का चूना लगाया। विदित रहे कि पीडि़त रिजवान ने जिस युवती के खिलाफ हनी ट्रेप और रुपए ऐंठने का मामला दर्ज कराया हैए उसी युवती ने हाल ही में शहर के एक नामी व्यापारी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया है। जिसके बाद युवती पर भी एक मामला दर्ज कराया गया।

पुलिस की शह पर सारा काम
जिले में हनी ट्रेप के मामलों की जड़ शहर के नामी होटल हैए जिनको बदचलन युवतियों व उनके सहयोगियों ने अड्डा बना रखा है। यहां युवतियां बड़े व धनाढ्य लोगों को होटलों में लेकर जाती है। पहले सबकुछ स्वैच्छा से होता है। यहां चुपके से वीडियो क्लिप व फोटो ली जाती है। फिर वीडियो क्लिप व फोटो से ब्लैकमेल करने का खेल शुरू होता है। पुलिस शहर के इन होटलों की जांच तक नहीं करती। होटल संचालकों व प्रबंधकों में पुलिस का खौफ भी नहीं है। सरेआम उल्टे धंधे होते हैं। पुलिस की अनदेखी के चलते इन होटलों में गैरकानूनी धंधे हो रहे हैं।

बीकानेर में हनी ट्रेप का बोलबाला

बीकानेर जिला हनी ट्रेप का गढ़ बनता जा है। यहां हनी ट्रेप का बोलबाला है। युवतियां अपने प्रेमजाल में युवाओंए प्रतिष्ठित व्यापारियोंए उच्चाधिकारियों को फंसाकर रुपए एंठती है। हनी ट्रेप के 10 फीसदी मामले भी पुलिस थाने में दर्ज नहीं हो रहे है। इनके शिकार लोग अपनी प्रतिष्ठा धूमिल होने के डर से पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराते। हनी ट्रेप से जुड़ी युवतियां इसी का फायदा उठाती है।

बदनाम है शहर के बड़े होटल
परिवादी ने मुकदमे में आरोप लगाया कि युवती बड़े होटलों में सैक्स रेकेट चला रही है। इनमें बीकानेर के कुछ बड़े व नामी होटल शामिल है। नरेन्द्र भवन होटल, मैट्रो होटल, किशन पैलस, गजकेशरी, महाराजा होटल युवती ने अड्डे बना रखा है। पुलिस को इन होटलों के रेकॉर्ड को जब्त कर जांच करनी चाहिए।

164 के बयान भी हुए थे
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीडि़त युवक रिजवान के खिलाफ युवती ने ब्लात्कार का मामला दर्ज कराया तब पुलिस ने 164 के बयान भी करवाए थे। बाद में युवती कलमबद्ध बयानों से पलट गई। पुलिस को ऐसा करने वाली युवतियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

सजा का प्रावधान
मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयानों से पलटने पर आइपीसी धारा 188.211 का प्रकरण अभियोगी के खिलाफ दर्ज हो सकता है। जिसमें लोकसेवक को मिथ्या सूचना देना अपराध माना जाता है। इसमें तीन साल से अधिक की सजा का प्रावधान भी है।
शैलेष गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता