
‘जब मुंह तुझ़े दिखाऊ लाऊ नौटंकी नारी’
बीकानेर.
कोडमदेसर नाट्य कला संस्थान की ओर से शनिवार को उस्ताद तनसुख दास रंगा के अखाड़े मेें नौटंकी शहजादी रम्मत का मंंचन किया गया। रम्मत का आगाज भगवान गणेश स्वरूप के अखाड़े में पदार्पण और स्तुती वंदना के साथ हुआ। इसके बाद स्वांग पात्रों ने गीत, नृत्य के माध्यम से अच्छे जमाने के शगुन मनाए। सभी के लिए सुख समृद्धि की कामना की गई। उस्ताद भंवर लाल जोशी के सानिध्य में मंचित हुई रम्मत के दौरान कलाकारों ने रम्मत के कथानक अनुसार देवर, भाभी, मालिन, राजा, कोतवाल आदि पात्रों के माध्यम से रम्मत का मंचन किया। दोहो, दोबोलो, चौबोलो, लावणी आदि के माध्यम से रम्मत मंचित हुई। मेहरी पात्रों ने नृत्य प्रस्तुत किए।
यह है कथानक
रम्मत के कथानक अनुसार भाभी की ओर से देवर को ताना देने से नाराज होकर देवर, नौटंकी शहजादी से विवाह करने की बात कहकर घर से निकल जाता है। भाई और भाभी, काफी मनाते है, लेकिन वह नहीं मानता है। नौटंकी शहजादी के महल के पास पहुंचकर मालिन से मुलाकात, महिला वेश धारण कर नौटंकी शहजादी के महल में प्रवेश, शहजादी के लिए पुष्पहार बनाना, शहजादी का महिला बने पुरुष के प्रति आकर्षण होना, पुरुष रूप में सामने आना, सिपाहियों की ओर से उसे पकडऩा, मौत की सजा देने और शहजादी की ओर से उसे बचाने व शादी कर फिर घर आने के ताने-बाने से गुंथित यह रम्मत दर्शकों में विशेष आकर्षण का केन्द्र है।
इन्होंने निभाई भूमिका
नौटंकी शहजादी रम्मत में लक्ष्मीनारायण जोशी, श्याम लाल जोशी, गणेश कुमार किराडू, श्रीवद्र्धन, मनोज कुमार रंगा, गोपाल जोशी, विजय कुमार छंगाणी
सहयोगी कलाकार के रूप में शशि शेखर किराडू, किशन कुमार, विजय कुमार, राम कुमार, बजय छंगाणी, राजकुमार जोशी, आनन्द जोशी, बुलाकी व्यास, सनू, बाबली आदि ने भूमिकाएं निभाई। हारमोनियम पर नारायण रंगा और नगाड़ा पर लक्ष्मीनारायण ने संगत दी।
Published on:
28 Mar 2021 01:18 pm
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