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हवन में आहुतियां, गुप्त नवरात्रा की पूर्णाहुति

घर-घर व मंदिरों में हुए कन्या पूजन  

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हवन में आहुतियां, गुप्त नवरात्रा की पूर्णाहुति

हवन में आहुतियां, गुप्त नवरात्रा की पूर्णाहुति

बीकानेर. नौ दिवसीय गुप्त नवरात्रा की पूर्णाहुति रविवार को हुई। माघ मास की प्रतिपदा से शुरू हुए पूजन, अनुष्ठान की पूर्णाहुति पर हवन में आहुतियां दी गई और देवी स्वरूप कन्याओं का पूजन किया गया। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार सनातन धर्म में देवी की आराधना का विशेष महत्व है। गुप्त नवरात्रा में श्रद्धालु अभिष्ट फल प्राप्ति की कामना को लेकर मां भगवती की पूजा, अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान करते है।

गुप्त नवरात्रा में देवी साधकों ने नौ दिनों तक मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्ति की कामना को लेकर पूजन, अनुष्ठान कर हवन में आहुतियां दी। पंडित किराडू के अनुसार गुप्त नवरात्रा के दौरान नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती पाठ, देवी के बीज मंत्रों का जाम, श्रीसूक्त कनकधारा स्त्रोत पाठ, देवी अथर्वशीष के पाठ हुए। देवी साधकों ने नौ दिनों तक मां भगवती का अनुष्ठान किया। रविवार को नवरात्रा की पूर्णाहुति पर वेदोक्त मंत्रोचार के बीच हवन में आहुतियां दी गई । इस दौरान देवी स्वरूप कन्याओं और भैरव स्वरूप बटुकों का पूजन किया और भोजन करवाकर मेहन्दी, ऋतुफल, वस्त्र, उपहार आदि प्रदान कर आर्शीवाद प्राप्त किया।

मंदिरों में दर्शन पूजन
गुप्त नवरात्रा की पूर्णाहुति पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किए। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान करमीसर रोड स्थित मां सच्चियाय माता मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर स्थित मां चामुण्डाा व नागणेचीजी माता मंदिर में नौ दिनों से चल रहे पूजन-अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई। वहीं करमीसर रोड स्थित राजराजेश्वरी मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में मां भगवती का पूजन कर श्रृंगार किया गया।