
world environment day
महावीर इंटरनेशनल बीकानेर के तत्वावधान में पर्यावरण दिवस के संदर्भ में दो दिवसीय कार्यक्रमों की शृंखला में पहले दिन रविवार को नागरी भंडार स्थित सुदर्शना कला दीर्घा में पर्यावरण विषय पर काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।
काव्य गोष्ठी में नगर के डेढ़ दर्जन से अधिक कवियों ने पर्यावरण से सम्बन्धित कविताएं सुनाई।संस्था के अध्यक्ष पूरणचन्द राखेचा ने कहा कि रचनाकारों की रचनाएं प्रकृति के समीप होने के कारण प्रदूषण के खतरों को रोकने में सहायक होती हैं।
काव्य गोष्ठी की मुख्य अतिथि डॉ. वत्सला पांडे ने कहा कि रचनाकार और प्रकृति का व्यवहार एक जैसा होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरदार अली पडिहार ने कहा कि जिस तरह पेड़ों की जडें गहरी होती हैं, उसी तरह रचनाकार की कविता मनुष्य के अन्दर गहरे तक पैठ जमाती है।
संस्था सचिव एवं कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने अपनी रचनाएं सुनाते हुए कहा कि इस दुनिया में जीवन जीने का सहारा प्रकृति और कविता से प्राप्त होता है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ कवयित्री उषाकिरण सोनी, कवि राजाराम स्वर्णकार, डॉ. रेणुका व्यास, डॉ. कृष्णा आचार्य, गौरीशंकर मधुकर, जुगल किशोर पुरोहित, कृष्णा वर्मा, कासिम बीकानेरी सहित कई कवियों ने रचनाएं पेश की।
Published on:
05 Jun 2017 01:01 pm
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