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नीचे खदान, ऊपर मकान – खतरे में आशियाने, जिम्मेदारों ने मूंद रखी है आंखें

जंगलराज - 5 - शहर में जगह-जगह बजरी की खदानों के ऊपर बस रही बस्तियां हादसे की आशंका

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नीचे खदान, ऊपर मकान - खतरे में आशियाने, जिम्मेदारों ने मूंद रखी है आंखें

नीचे खदान, ऊपर मकान - खतरे में आशियाने, जिम्मेदारों ने मूंद रखी है आंखें

बीकानेर. शहर में जगह-जगह बजरी की खदानों के ऊपर बस रही बस्तियां हादसे की आशंका व्यक्त कर रही है। बजरी के ऊंचे टीलों पर लगातार मकान बन रहे है। न इनको कोई रोकने वाला है और ना ही कोई टोकने वाला। जिन अधिकारियों के जिम्मे अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी है, उन्होंने आंखे मूंद रखी है। अज्ञानता और लालच के वशीभूत गरीब, जरुरतमंद परिवार बजरी के टीलों पर ही आशियाने बनाते जा रहे है। एक मकान अथवा व्यवसायिक कार्य शुरू होने पर उसके आस-पास निर्माण कार्य का सिलसिला शुरू हो जाता है।

मोहता सराय क्षेत्र, जैन स्कूल से गोपेश्वर बस्ती रोड, मोहता सराय से शीतला गेट रोड, हरोलाई हनुमान मंदिर से करमीसर रोड सहित कई स्थानों पर लोग जान की परवाह किए बिना बसते जा रहे है। खदानों के ऊपर दर्जनों मकान बन चुके है। कई आवासीय निर्माण दो से तीन मंजिला तक बन चुके है।

बारिश अथवा भू-कम्पन से कभी भी बजरी के टीले के खिसकने से इसके ऊपर बने आशियानें गहरी खदान में ढह सकते है। हर साल बरसात के सीजन में इन खानों में धमीन धंसने से हादसे होते है। कई मकान गहरी खदान के किनारे पर ही बन गए है। मकानों के गेट और बारिया खदानों की ओर खुल रहे है। जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस खतरनाक स्थिति को देखने के बाद मौन साधे हुए है।