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Human Intrest Story: बधाई हो…का आशीर्वाद देने वाले किन्नरों को यहां क्यों लोग दे रहे बधाई

Human Intrest Story: फिलहाल बिना बाप की सात बेटियों में से दो बेटियों की शादी का जिम्मा उठा कर यह समुदाय एक अनोखी शुरुआत करने जा रहा है, जिसके लिए उसे चारों ओर से बधाईयां और सराहना मिल रही हैं।

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Human Intrest Story: बधाई हो...का आशीर्वाद देने वाले किन्नरों को यहां क्यों लोग दे रहे बधाई

Human Intrest Story: बधाई हो...का आशीर्वाद देने वाले किन्नरों को यहां क्यों लोग दे रहे बधाई

बीकानेर. Human Intrest Story: किसी के घर में शादी हो या फिर पुत्र जन्म हुआ हो। या कोई खुशी का मौका हो। बधाई गाने के साथ ही जी भर का दुआएं लुटाने वाले किन्नरों ने बीकानेर से एक अनोखी पहल की है। यहां का किन्नर समाज गरीब बेटियों के हाथ पीले करवाने के लिए खुद आगे आया है। फिलहाल बिना बाप की सात बेटियों में से दो बेटियों की शादी का जिम्मा उठा कर यह समुदाय एक अनोखी शुरुआत करने जा रहा है, जिसके लिए उसे चारों ओर से बधाईयां और सराहना मिल रही हैं।

कोरोनाकाल में भी दी थी सेवा

कोरोना काल में अपने सेवा भाव, अस्पतालों में पानी की व्यवस्था जैसे कार्यों से पहले भी चर्चित रहे बीकानेर के किन्नर समाज ने अब एक नई सामाजिक पहल की है। गरीब घरों की लड़कियों के हाथ पीले करने (विवाह कराने का) का बीड़ा उठा कर यहां के किन्नर समाज ने पूरे देश में एक नई नजीर पेश की है। फिलहाल शुरुआत उसने 22 अप्रेल को दो लड़कियों की शादी कराने का जिम्मा उठा कर की है। भविष्य में भी वह ऐसी पहल को विस्तार देंगे, ऐसा दृढ़ निश्चय इस समाज ने दर्शाया है।

सारा खर्च उठाएंगे

लड़कियों की शादी का सारा खर्चा किन्नर समाज उठाएगा और अपनी तरफ से बर्तन, कपड़े तथा अन्य सामान भी देकर दो लड़कियों को विदा करेगा। यह लड़कियां यहां गोपेश्वर बस्ती स्थित कुम्हारों की मोड़ पर रहती हैं। इन लड़कियों की शादी 22 अप्रेल को निर्धारित की गई है। इन बच्चियों के सिर पर पिता का साया नहीं है और उनकी मां ही अपनी सात लड़कियों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। गरीब परिवार होने के कारण शादी करने में दिक्कत आ रही थी। जब लड़कियाें की शादी की जानकारी किन्नर समाज को मिली, तो यह समाज आगे आया और सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली।

...एक की बारात बीकानेर, दूसरे की सुजानदेसर से आएगी

बीकानेर किन्नर समाज की अध्यक्ष मुस्कान बाई अग्रवाल ने बताया कि एक मां के कंधों पर सात बेटियों की जिम्मेदारी निभाना बहुत बड़ी बात है। जब उन्हें इसकी जानकारी मिली, तो वह बेटियों की शादी कराने के लिए आगे आईं। उनके घर गईं और मां से बातचीत की। सात बहनों में से दो बहनों की शादी की जिम्मेदारी ली है। एक लड़की की बारात सुजानदेसर से तथा एक की बारात बीकानेर से आएगी। कुम्हार समाज की इन दोनों लड़कियों की शादी 22 अप्रेल को तय की गई है। शादी की रस्में शुरू हो चुकी हैं।


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