
ये सजा है तो फिर पुरस्कार किसे कहेंगे...
बीकानेर। शिक्षा विभाग में अपने चहेते शिक्षकों को उपकृत करने का नायाब तरीका है। यहां तबादलों पर तो प्रतिबन्ध है लेकिन, एपीओ करके तथा प्रतिनियुक्ति पर लगाने के चोर रास्ते खुले हैं। जिसके मार्फत अधिकारी अपने चहेते शिक्षकों को इच्छित स्थान पर लगाने से नहीं चूक रहे। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय कार्यालय तो इससे भी दो कदम और आगे निकल गया है। एक शिक्षक को सजा के नाम पर जो पुरस्कार दिया, उसके बारे में सुनकर हर कोई दंग है।
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय ने एक तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल प्रथम को 15 सितम्बर को निलंबित कर मुख्यालय बाहर कर दिया। फिर 5 दिन बाद ही बिना जांच पूरी हुए शिक्षक को बहाल कर दिया। बहाल करने के साथ ही उसे ग्रामीण क्षेत्र की जगह शहर के एक स्कूल में प्रतिनियुक्ति दे दी। अब इस शिक्षक के यहां तो घी के लड्डू फूट रहे हैं। बच्चों का चरित्र निर्माण का जिम्मा संभालने वाले शिक्षा विभाग के इस कदम से शिक्षक वर्ग आहत है।
जानिए यह है पूरा माजरा
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कानासर में कार्यरत तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल प्रथम मदनलाल सुथार को राजस्थान असैनिक सेवाएं वर्गीकरण एवं नियंत्रण 1958 के तहत 15 सितम्बर को निलंबित कर दिया। साथ ही उनका मुख्यालय कोलायत ब्लॉक में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भलुरी कर दिया गया। फिर 5 दिन बाद अचानक से शिक्षक मदनलाल के निलम्बन से बहाली के आदेश जारी हो गए। उन्हें 21 सितम्बर को जांच लम्बित रखते हुए बीकानेर शहर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय गिन्नाणी पंवारसर में लगा दिया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी सक्षम
हमारे कार्यालय से न तो निलंबन के तथा न ही वापस बहाली के निर्देश दिए हैं। चूंकि ये तृतीय श्रेणी अध्यापक का मामला है, इस पद के नियुक्ति अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी ही होते हैं। वे ही निलम्बन और बहाली की कार्यवाही करने के सक्षम अधिकारी है।
धमेंद्र कुमार जोशी, संभागीय संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा बीकानेर मण्डल
Published on:
24 Sept 2020 05:05 am
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