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बीकानेर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठवीं तक पढ़ने वाले 57 लाख विद्यार्थी स्कूल यूनिफॉर्म के लिए अभी तक सरकार का मुंह ताक रहे है। शिक्षा सत्र पूरा होने में अब तीन माह से भी कम समय बचा है तब सरकार जागी है। राजस्थान पत्रिका ने मंगलवार को अधिकारियों से इस संबंध में सवाल पूछे तो देर रात विभाग का ऑर्डर सामने आ गया।
अब स्कूल यूनिफॉर्म की जगह विद्यार्थियों के बैंक खातों में 800 रुपए देने की बात कही गई है। इससे पहले सरकार ने विद्यार्थियों को कपड़ा और सिलाई के पैसे देने की जगह सिली-सिलाई तैयार पोशाक देने की घोषणा की थी। शिक्षा निदेशक सीताराम जाट की ओर से मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के छात्र-छात्राएं विद्यालय में हीन भावना से ग्रस्त नहीं हों।
पिछले शिक्षा सत्र में भी पहली से आठवीं तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरित करने की योजना का यही हाल रहा था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसके लिए बजट समय पर नहीं दिया। बाद में चुनावों से पहले केवल यूनिफॉर्म का कपड़ा ही दिया। सिलाई के 200 रुपए के बजट के लिए फिर इंतजार करना पड़ा। ऐसे में विद्यार्थी अपनी जेब से पैसे देकर सिलाई करवा कर यूनिफॉर्म नवंबर-दिसम्बर में पहन पाए थे।
शिक्षा परिषद ने यूनिफार्म की डिमांड ले रखी है। यूनिफॉर्म की आपूर्ति मिली नहीं। इसलिए वितरित नहीं हो पाई। निदेशालय से यूनिफॉर्म और बैग के लिए 800-800 रुपए डीबीटी करने के आदेश मिले हैं।
गजानंद सेवग, डीईओ, माध्यमिक मुख्यालय बीकानेर
Updated on:
15 Jan 2025 08:33 am
Published on:
15 Jan 2025 08:32 am
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