
माखनचोर के लगता है सूंठ-गोंद के लड्डू और पंजेरी-अजवायन का भोग
बीकानेर. जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की घर-घर और मंदिरों में पूजा-अर्चना कर विविध पकवानों का भोग अर्पित किया जाता है। घर-घर में भगवान कृष्ण के जन्म के स्वागत में दशकों से पारम्परिक पकवान बनाने की परम्परा है। घर-घर में महिलाएं सामूहिक रूप से इन पारम्परिक पकवानों को आस्था और श्रद्धा भाव के साथ तैयार करती है। जन्माष्टमी के दिन मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण का अभिषेक, पूजन कर ये पकवान अर्पित किए जाते है। इन पकवानों को घरों में उपलब्ध खाद्य सामग्री से ही तैयार किया जाता है। ये पकवान न केवल स्वादिष्ट होते है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
ये है पारम्परिक पकवान
जन्माष्टमी के दिन घर-घर में मिठाईयां-नमकीन के साथ पारम्परिक पकवानों का भी भोग भगवान कृष्ण के अर्पित किया जाता है। 68 वर्षीया कमला देवी ओझा के अनुसार जन्माष्टमी के लिए आटा, मैदा, घी, चीनी, मावा, काजू, बादाम, केशर, मूंगफली, गोंद, नारियल गिरी, सूंठ, धनिया आदि सामग्री से पंजेरी, अजवायन, नारियल बर्फ ी, गेंहूं के लड्डू, सूंठ के लड्डू, गोंदगिरि, तली हुई मूंगफ ली, बादाम, काजू, तालमखाने, हलुआ, चासनी पेठा, ठोर सहित विभिन्न प्रकार के पकवान और सामग्री तैयार की जाती है।
घर-घर में पकवानों की महक
जन्माष्टमी के दिन घरों में बनने वाले विविध पकवानों की खुशबू से घर महक उठते है। जन्माष्टमी से दो दिन पहले ही घरों में पारम्परिक पकवानों को बनाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। महिलाएं सामूहिक रूप से इन पकवानों को तैयार करती है। घर-परिवार की बालिकाएं और युवतियां भी इन पकवानों को तैयार करने में मदद करती है।
बाजार में मिल रही है रेडीमेट थाली
कान्हा के भोग अर्पित करने के लिए घरों में बनने वाले पारम्परिक पकवानों के साथ-साथ बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की मिठाईयों और नमकीन का भी भोग अर्पित किया जाता है। सभी मिठाईयां और पकवान एक साथ उपलब्ध हो इसके लिए कई मिठाई विक्रेता रेडिमेड मिठाई थाली भी उपलब्ध करवा रहे है। लोग कान्हा के पूजन के दौरान इस थाली में उपलब्ध मिठाईयों का भी भोग अर्पित करते है।
Published on:
30 Aug 2021 04:56 pm
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