
422 साल पुराना है शहर का यह कृष्ण मंदिर
विमल छंगाणी - बीकानेर. राव बीका की ओर से 533 साल पहले बसाए गए बीकानेर शहर में कई प्राचीन मंदिर है, जो अपनी बेजोड़ स्थापत्य कला और मनमोहक देव मूर्तियों के कारण जग प्रसिद्ध है। मरुनायक चौक स्थित भगवान कृष्ण का मूलनायक मंदिर जो वर्तमान में मरुनायक मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, शहर के सबसे प्राचीन मंदिरों में एक है। चार शताब्दी से भी अधिक पुराने इस मंदिर का रियासतकाल से इतिहास रहा है। यह मंदिर 422 साल से भी अधिक पुराना है। मंदिर में स्थित शिलालेख में संवत 1656 में इस मंदिर के जीर्णोद्धार का उल्लेख मिलता है। मंदिर इससे भी अधिक पुराना बताया जा रहा है।
मनमोहिनी मूर्ति
मूलनायक मंदिर में भगवान कृष्ण की मनमोहिनी चतुर्भुज मूर्ति है। मंदिर पुजारी अरुण कुमार सेवग के अनुसार ठाकुरजी के चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और कमल है। भूरे रंग के पत्थर से मूर्ति बनी हुई है। मूर्ति खड़ी है व श्रद्धालुओं में इस मूर्ति के प्रति गहरी आस्था और श्रद्धा है।
साल भर होते है आयोजन
मूलनायक मंदिर में सालभर धार्मिक पूजन-अनुष्ठानों के आयोजन होते रहते हैं। मरुनायक मंदिर के ट्रस्टी गोपाल कृष्ण मोहता के अनुसार श्रीमद्भागव कथा, रामनवमी महोत्सव, नृसिंह चतुर्दशी महोत्सव, जन्माष्टमी, नंद उत्सव, आखातीज, सावन में झूला उत्सव, गोवर्धन पूजन, अन्नकूट उत्सव, गीता जयंती, मल की थाली, संक्रोति उत्सव, फागोत्सव, डांडिया नृत्य सहित पर्व-त्योहारों पर आयोजन होते है।
यह है इतिहास
मूलनायक मंदिर में स्थापित शिलालेख की जानकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व्यास की पुस्तक ‘बीकानेर के शिलालेख’ में शिलालेख की प्रकाशित जानकारी अनुसार बीकानेर महाराजा रायसिंह के राज्यकाल में विक्रम संवत में 1656 मार्गशीर्ष शुक्ला एकादशी, शुक्रवार को माहेश्वरी गोत्र के राठी मंत्री जयसिंह के पुत्र मंत्री कर्ण के पुत्र साधुदेव, खेतसिंह व सांगा ने कृष्ण भगवान के प्रासाद (मंदिर) के उद्वार करवाए जाने का उल्लेख है। मंदिर में टंकशाली रत्न शर्मा व बाद में उनके वंशजों की ओर से श्रीमद्भागवतादि पुराणों की कथा वाचन व धार्मिक उपदेश देने तथा मूंधाड़ा सेवग इस मंदिर में मूर्ति पूजा का कार्य प्रारम्भ से करते आ रहे है। कहा जाता है कि राव बीका के साथ आए सालूजी राठी मूलनायक मंदिर में स्थापित मूर्ति लाए थे।
Published on:
30 Aug 2021 05:18 pm
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
