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नंद के आनन्द भयो, जय कन्हैयालाल की…

जन्माष्टमी - घर-घर और मंदिरों में मनाया भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव भगवान कृष्ण के बालस्वरूप का पंचामृत से अभिषेक और पूजन

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नंद के आनन्द भयो, जय कन्हैयालाल की...

नंद के आनन्द भयो, जय कन्हैयालाल की...

बीकानेर. झालर की झंकार, घंटियों की टंकार और शंख ध्वनि की गूंज घर-घर और मंदिरों में रही। नंद के आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की जयकारों से गली-मोहल्ले और मंदिर गुंजायमान रहे। जन्माष्टमी पर सोमवार मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण के जन्म की खुशियां घरों से मंदिरों तक रही। घर-घर में भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप का पंचामृत से अभिषेक, पूजन, शृंगार कर महाआरती की गई। घर-परिवार के सदस्यों ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की। वहीं शहर के कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। अभिषेक-पूजन कर भगवान कृष्ण की आरती की गई। विविध पकवानों का भोग अर्पित किया गया। भगवान कृष्ण के जन्म के समय प्रतीकात्मक रूप से कंस का वध किया गया। भगवान कृष्ण के जन्म समय के बाद श्रद्धालुओं ने व्रत का पारणा किया। गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत पाठ और कृष्ण मंत्र के जाप हुए।

लड्डू गोपाल का अभिषेक-पूजन

जन्माष्टमी पर घरों में भगवान कृष्ण के बालस्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना की गई। रात १२ बजे दूध, दही, घी, शहद, चीनी से तैयार पंचामृत से लड्डू गोपाल का अभिषेक किया गया। कृष्ण के बाल स्वरूप का मुकुट, बंशी, तिलक, आभूषण, पुष्पमाला आदि से शृंगार कर आरती की गई। माखन -मिश्री का भोग अर्पित किया गया। वहीं पारम्परिक रूप से तैयार किए गए व्यंजनों, मिठाइयों व विभिन्न फलों का भोग अर्पित किया गया।

मंदिर सजे, दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालु

जन्माष्टमी पर शहर के कृष्ण मंदिरों को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया गया। निज मंदिरों का शृंगार विभिन्न प्रकार के पुष्पों से किया गया। बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों ने भगवान कृष्ण के दर्शन किए। कई मंदिरों में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी। मंदिर समितियों और ट्रस्ट की ओर से विभिन्न व्यवस्थाएं की गई। मरुनायक मंदिर, मदन मोहन मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर, बड़ा गोपाल मंदिर, छोटा गोपाल मंदिर सहित स्मार्त और वैष्णव मंदिरों में दर्शनार्थियों ने भगवान कृष्ण के दर्शन किए।