
इस कृषि उपज मंडी में किसानों और मजदूरों को रोटी के लालू, कलेवा योजना बंद
नोखा. राजस्थान सरकार ने वर्ष 2014 में मंडी परिसर में आने वाले किसानों व पल्लेदारों एवं मंडी में कार्यरत कर्मचारियों के लिए किसान कलेवा योजना की शुरुआत की थी, लेकिन एशिया की सबसे बड़ी मोठ मंडी के नाम से प्रसिद्ध नोखा कृषि उपज मंडी में इस योजना पर ब्रेक लग गया है। कृषि मंडी में किसान कलेवा योजना के लिए बने रसोई घर पर सप्ताहभर से ताला लटका है। ऐसे में किसानों व पल्लेदारों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
किसान कलेवा योजना में किसानों के लिए सस्ते एवं पौष्टिक खाने की व्यवस्था का प्रावधान है, लेकिन नई फर्म को टेंडर देने, ठेकेदार द्वारा रसोई घर को चालू नहीं करने और जिम्मेदारों द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लेने के चलते नोखा कृषि मंडी में फसल लेकर आने वाले सैकड़ों किसानों और वहां काम करने वाले पल्लेदारों को बाहर खाना खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पल्लेदारों का कहना है कि रसोई घर में खाना नहीं मिलने से नमकीन खाकर काम चलाना पड़ रहा है।
किसानों को पांच रुपए में मिलता है खाना
राज्य की विशिष्ट श्रेणी की मंडियों में किसानों को सस्ता एवं पौष्टिक खाना उपलब्ध कराने के लिए 20 जनवरी 2014 को किसान कलेवा योजना शुरु की गई। इसमें मंडी में फसल बेचने के लिए आने वाले किसान और उसके सहायक को कूपन के माध्यम से रियायती दर पर खाना उपलब्ध कराया जाता है। मंडी में काम करने वाले पल्लेदार भी इस योजना का लाभ उठाते हैं। इस योजना के तहत थाली का अधिकतम मूल्य 40 रुपए निर्धारित किया गया। इसमें 5 रुपए भोजन करने वाले किसान व पल्लेदार से लिए जाते हैं और शेष राशि समिति द्वारा वहन की जाती है। योजना के तहत थाली में दाल-चपाती, गुड़, सब्जी एवं छाछ शामिल हैं।
शीघ्र चालू कराएंगे
किसान कलेवा योजना के तहत बने रसोई घर को संचालित करने वाले ठेकेदार का 30 जून को ठेका खत्म हो गया था। वापस से टेंडर प्रक्रिया शुरु कर नई फर्म को टेंडर दिया गया है, उसे वर्कऑर्डर भी दे दिया है। रसोई घर को जल्द ही शुरु कराया जाएगा।
-रामलाल जाट, सचिव, कृषि उपज मंडी, नोखा।
Published on:
08 Jul 2023 01:32 am
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
