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जांच के नाम पर लीपापोती, कलक्टर को सौंपी जांच के केवल कार्मिकों के बयान

पीबीएम अस्पताल के सुपर स्पेशिलयिटी सेंटर के कोविड-१९ वार्ड के बाथरुम में गिरने से कोरोना मरीज सिद्धार्थ कुमार मिश्रा के मामले की जांच में लीलापोती का खेल शुरू हो गया है।

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जांच के नाम पर लीपापोती, कलक्टर को सौंपी जांच के केवल कार्मिकों के बयान

जांच के नाम पर लीपापोती, कलक्टर को सौंपी जांच के केवल कार्मिकों के बयान

बीकानेर। पीबीएम अस्पताल के सुपर स्पेशिलयिटी सेंटर के कोविड-१९ वार्ड के बाथरुम में गिरने से कोरोना मरीज सिद्धार्थ कुमार मिश्रा के मामले की जांच में लीलापोती का खेल शुरू हो गया है।

जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने मामले की हकीकत जानने, लापरवाही कहां हुई और दोषी कौन आदि सवालों का जवाब जानने के लिए एसपी मेडिकल कॉलेज के चार वरिष्ठ चिकित्सकों की जांच कमेटी ने जांच में केवल खानापूर्ति कर रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंप दी। इस रिपोर्ट से कलक्टर संतुष्ट नहीं हुए हैं। कलक्टर ने जांच कमेटी से अब तथ्यात्मक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। कलक्टर गौतम ने बताया कि जांच कमेटी की ओर से दो अलग-अलग रिपोर्ट दी गई। एक रिपोर्ट में पीबीएम में संक्रमण, कोरोना मरीजों के इलाज और बेहतर सुविधाओं के प्रति सुझाव बताए है वहीं दूसरी रिपोर्ट में कोरोना मरीज की बाथरुम में मौत के मामले में कार्मिकों व चिकित्सकों के बयान की प्रतिलिपियां भेजी गई। इसमें तथ्यात्मक सबूत नहीं है। ऐसे तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर जांच कमेटी के चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना मरीज की मौत के मामले में संबंधित चिकित्सकों, कार्मिकों, सुरक्षा गार्ड सहित कोरोना का इलाज कर रही वर्तमान यूनिट के प्रभारी व चिकित्सकों के बयान लिए गए हैं। रिपोर्ट कॉंंफिडेंशियल है, जिसके बारे में कलक्टर साब को जानकारी देते हुए रिपोर्ट पेश कर दी गई है। अब अगर अन्य तथ्यों के बारे में रिपार्ट मांगी जाएगी तो वह भी दी जाएगी।

एक ने की खानापूर्ति, दूसरी कमेटी ने शुरू ही नहीं की जांच
कोरोना मरीज की मौत के मामले की जांच के लिए जिला कलक्टर और एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य की ओर से अलग-अलग कमेटियां गठित की गई। कलक्टर की ओर से गठित कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम ने जांच शुरू की और। जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए रिपोर्ट पेश कर दी जबकि कॉलेज प्राचार्य की ओर से गठित तीन वरिष्ठ चिकित्सकों की कमेटी ने बुधवार को जांच ही शुरू नहीं की। जांच कमेटी के चिकित्सकों को कहना है कि गुरुवार को जांच करेंगे। गौर करने वाली बात है कि कोरोना मरीज की मौत का मामला बेहद गंभीर है। प्रदेश पूरे में इस पर बवाल हो रहा वहीं यहां स्थानीय स्तर पर इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।


यह है मामला
पीबीएम अस्पताल के सपुर स्पेशिलयटी सेंटर के कोविड-१९ वार्ड में बने बाथरुम में एक कोरोना मरीज सिदर्थ कुमार मिश्रा की फिलसने से मौत हो गई। उसे करीब २०-२५ मिनट तक किसी ने संभाला तक नहीं। इसी वार्ड में मृतक की बेटी भी भर्ती थी। उसकी बेटी ने अपने परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने कलक्टर को सूचित किया। कलक्टर के दखल के बाद चिकित्सकों ने मरीज को संभाला तब तक उसकी मौत हो गई थी।


यह है दो जांच कमेटिया
कलक्टर की ओर से गठित कमेटी में पूर्व प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल, कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. एचएस कुमार, डॉ. रेणु अग्रवाल एवं जिरियाट्रिक से डॉ. सुभाष गौड़ शामिल है। इन्हें कोरोना मरीज की मौत, उसके लिए कौन दोषी, किसकी रही लापरवाही आदि की जांच रिपोर्ट देने के साथ-साथ अस्पताल में संक्रमण रोकने एवं बेहतर व्यवस्थाओं कैसे की जाए इसकी रिपोर्ट देनी है। वहीं कॉलेज प्राचार्य की ओर से गठित कमेटी में अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रंजन माथुर, डॉ. संजय कोचर व डॉ. पीके सैनी शािमल है। इस कमेटी को कोरोना मरीज मौत के मामले की रिपोर्ट प्राचार्य को पेश करनी है।