scriptदवा की तरह दारू का प्रचार-प्रसार, नहीं है किसी तरह की चेतावनी | Liquor shops | Patrika News

दवा की तरह दारू का प्रचार-प्रसार, नहीं है किसी तरह की चेतावनी

locationबीकानेरPublished: Aug 27, 2018 08:26:24 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

शहर में शराब को बड़े-बड़े साइन बोर्ड लगाकर इस तरह बेचा जा रहा है जैसे कि वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होकर कोई स्वास्थ्य लाभ देने वाली दवा हो।

Liquor shops

Liquor shops

बीकानेर. शहर में शराब को बड़े-बड़े साइन बोर्ड लगाकर इस तरह बेचा जा रहा है जैसे कि वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होकर कोई स्वास्थ्य लाभ देने वाली दवा हो। सारे कायदे-कानून ताक पर रखकर आबकारी अधिकारियों की मेहरबानी से शराब विक्रेता दुकानों पर बड़े-बड़़े होर्डिंग्स लगाए बैठे हैं। लचीले नियमों का फायदा उठाते हुए शराब विक्रेता अपनी दुकानदारी चला रहे हैं।
१५ से २० फीट के बोर्ड
शहर में भले ही दूध-दवाइयों की दुकानों पर पांच-छह फीट के साइन बोर्ड लगे दिखते हों, लेकिन शराब की दुकानों पर १५ से २० फीट तक के दो-तीन बोर्ड नहीं लगे हों, एेसी कोई शराब ठेका नहीं है। कई दुकानदारों ने अपनी दुकान के साथ आसपास के भवन और सड़क किनारे रास्ता तक बताने वाले बोर्ड लगा रखे हैं।
प्रतिबंधित है प्रचार-प्रसार
दुकानदार शराब के लिए जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करते हैं, जबकि शराब को सामान्य वस्तु की श्रेणी में नहीं माना गया है। इसी वजह से इसकी बोतल पर वैधानिक चेतावनी दी गई है कि शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। आबकारी अधिकारियों की ढील और
लचीले नियमों के चलते शराब कम्पनियां भी अब दुकानों पर प्रचार-प्रसार करने लगी हैं।
हटाने का दावा
जिला आबकारी अधिकारी ओपी पंवार ने कहा कि शराब की बिक्री को बढ़ावा देने वाले प्रचार-प्रसार का विज्ञापन नहीं कर सकते। इसे अनुज्ञापत्र की शर्तों का उल्लंघन माना जाता है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर एेसे विज्ञापनों को हटाया भी जाता है। वहीं जिला आबकारी अधिकारी के बयान हकीकत से दूर हैं और शहर में एेसे विज्ञापन हर जगह मिल जाएंगे।
स्पष्ट कानून नहीं
चाय की थड़ी पर तम्बाकू उत्पादों को प्रदर्शित करने और उसका प्रचार-प्रसार करने पर कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई होती है, लेकिन शराब की बिक्री को बढ़ावा देने वाले बड़े-बड़े विज्ञापनों के लिए कोई स्पष्ट कानून तक नहीं बना है। लचीले नियमों की आड़ में आबकारी अधिकारियों और शराब दुकानदारों के बीच आंख-मिचौली का खेल चल रहा है। दुकानदार शराब का प्रचार-प्रसार करने की होड़ में लगे हैं, जबकि शराब को सामान्य वस्तु की श्रेणी में नहीं माना गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो