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साक्षर होने की ललक ऐसी कि परीक्षा में लक्ष्य से 2114 अधिक लोग बैठे

साक्षर होने की ललक ऐसी कि परीक्षा में लक्ष्य से 2114 अधिक लोग बैठे

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साक्षर होने की ललक ऐसी कि परीक्षा में लक्ष्य से 2114 अधिक लोग बैठे

नोखा में केन्द्र पर साक्षरता परीक्षा देने पहुंचे मां-बेटा ने कहा कि अंगूठा छाप मिटाने के लिए वह साथ-साथ अक्षर पढ़ना सीख रहे है। बीकानेर में 67 वर्षीय गंवरा देवी कभी स्कूल के आगे से नहीं निकली लेकिन, मोहल्ले के बच्चों को पढ़ने जाते देख उसने भी पढ़ने का निर्णय किया। साक्षर बनने की तमन्ना अब हर आयु वर्ग में जग चुकी है। इसमें उम्र भी आड़े नहीं आ रही है। इसकी झलक रविवार को राउप्रावि मोहनपुरा के साक्षरता परीक्षा केंद्र पर देखने को मिली। यहां भारत साक्षरता मिशन के तहत बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक एसेसमेंट टेस्ट में 10 लोग शामिल हुए। सभी की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच थी।

साक्षर होने की ललक ऐसी कि परीक्षा में लक्ष्य से 2114 अधिक लोग बैठे

जिले में बुनियादी साक्षरता परीक्षा के लिए 800 से अधिक केन्द्र बनाए गए। जहां 25 से 70 वर्ष आयु वर्ग के 18 हजार 114 लोगों ने परीक्षा दी। सुबह 10 बजे शुरू हुई परीक्षा में 8263 पुरुष और 9851 महिलाएं शामिल हुई। परीक्षार्थियों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल की ओर से साक्षरता के प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

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जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी हेतराम सारण ने बताया की सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों एवं ब्लॉक समन्वयकों ने कंट्रोल रूम के माध्यम से परीक्षा की निगरानी की। परीक्षा में 78 बंदी भी शामिल हुए। जबकि उप कारागृह नोखा से 2 असाक्षर बंदियों ने परीक्षा में भाग लिया।