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काश, हम भी देख पाते भारत-आस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज एरिया से सटे गांवों में जबरदस्त उत्साह

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काश, हम भी देख पाते युद्धाभ्यास

काश, हम भी देख पाते युद्धाभ्यास

महाजन. काश, भारत-आस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच महाजन फील्ड फायरिंग रेंज एरिया में शुरू हुए संयुक्त युद्धाभ्यास ‘आस्ट्रा-हिंद-2022’ का नजारा हम भी देख पाते। इन दिनों कस्बे व रेंज एरिया से सटते गांवों में हर किसी की जुबान से बस यही बात निकल रही है।

समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले खबरों को देखकर कस्बे सहित रेंज एरिया से सटे सुलेरां, भीखनेरां, मनोहरिया, खिलेरियां, गुसाईणां, बालादेसर, फूलेजी, चकजोड़, रामसरा, अरजनसर, जसवंतसर, असरासर सहित अन्य गांवों में बड़े-बुजुर्ग के साथ स्कूली विद्यार्थी भी बस एक ही चर्चा कर रहे हैं और वह है भारत-आस्ट्रेलिया की सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास। सोमवार को जब इस संवाददाता ने समीपवर्ती अरजनसर कस्बे के ग्रामीणों से चर्चा की तो हर किसी के मन में एक ही मुराद थी युद्धाभ्यास को आंखों से देखना।

युवा विक्रमसिंह राठौड़ ने बताया कि भारत की सेना पहली बार आस्ट्रेलिया के साथ महाजन फायरिंग रेंज में अभ्यास कर रही है। इस अभ्यास को देखने के लिए एरिया में जाने की प्रबल इच्छा है, लेकिन सेना की रोक से मन मसोस कर रहना पड़ रहा है। हनुमान जस्सू ने भी दोनों देशों के पराक्रम को देखने की इच्छा जताई।

रामसरा के धर्मपाल शर्मा व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि युद्धाभ्यास के बारे मेंं पत्रिका में समाचार पढक़र व नोर्थ कैम्प को जाने वाली सडक़ पर सेना की हलचल को देखकर युद्धाभ्यास का नजारा व आस्ट्रेलिया के सैनिकों को देखने की लालसा है। युद्धाभ्यास के चलते बम धमाकों से एरिया से सटते गांवों में लोग रोमांचित है। हालांकि ग्रामीणों को डर है कि धमाकों से मकानों में दरारे आ सकती है। पूर्व में भी बम धमाकों से गांवों में नुकसान हो चुका है।