
सड़क-रेल और खनन की त्रिवेणी पर दौड़ेगा मरू प्रदेश
दिनेश स्वामी
बीकानेर। सड़क, रेल और खनन से जुड़े केंद्र सरकार के तीनों प्रोजेक्टों की त्रिवेणी से बीकानेर के लिए औद्योगिक विकास का रास्ता खुलने वाला है। इससे यहां रोजगार के अवसर पैदा होने और नए उद्योग लगने की संभावना है। अगले तीन साल में यह प्रोजेक्ट मूर्त रूप ले लेंगे।
व्हाइट क्ले और जिप्सम जैसे खनिज प्रचूर मात्रा में होने और मूंगफली के उत्पादन में प्रदेश में सिरमौर होने के बावजूद इनसे जुड़े उद्योग यहां ज्यादा नहीं पनप पाए। कच्चा माल भी परिवहन के साधनों की कमी और धोरों की जटिलताओं वाला इलाका होने से औने-पौने दाम में बाहर के उद्योग संचालक ले जाते रहे हैं। एेसे में यहां के कच्चे माल और तैयार माल को देश और विदेशों में भेजने के लिए सड़क और रेल मार्ग की जरुरत रही है।
अब भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 6 लेन हाइवे बीकानेर जिले के पश्चिमी हिस्से में बन रहा है। इसी के साथ सिक्स लेन ग्रीनफील्ड ग्रीन वे पर भी काम शुरू हो गया है। जो अमृतसर से जामनगर गुजरात तक बन रहा है। ये बंदरगाहों को जोडऩे वाली सड़क बीकानेर जिले से होकर गुजर रही है। दोनों प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। संभवत: 2022 -2023 में यह कार्य पूरे हो जाएंगे।
बोरवेल तकनीक से निकलेगा पोटाश
बीकानेर के कुछ हिस्से में जमीन की गहराई में प्रचूर मात्रा में पोटाश उपलब्ध है। पोटाश से केमिकल, ग्लास और एक्सप्लोसिव निर्माण संबंधी उद्योग यहां लग सकते हैं। अब भारत सरकार की ओर से 2015 में एक्ट में किए संशोधन से जर्मनी व कनाडा की सोल्यूशन माइनिंग तकनीक से पोटाश का खनन करने की राह खुली है। इसके तहत जमीन में गहराई तक बोरवेल करके पानी और सोल्यूशन के जरिए तरल रूप में पोटाश बाहर निकाला जाएगा।
सागरमाला का दायरा बीकानेर तक रेलवे की ओर से जैसलमेर से सागरमाला तक माल परिवहन की सुविधा देने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से सागरमाला प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया। इस प्रोजेक्ट में बीकानेर शामिल नहीं था। परन्तु पोटाश के खनन को मंजूरी देने के साथ ही इसके परिवहन और इससे जुड़े उद्योगों के लगने पर उनके तैयार माल के परिवहन की आवश्यकता को देखते हुए सागरमाला प्रोजेक्ट में बीकानेर को भी जोडऩे पर सैद्धांतिक सहमति भारत सरकार ने दे दी है। इसके तहत बीकानेर से जैसलमेर तक माल परिवहन की सुविधा के लिए आवश्यक रेल लाइनों को अपग्रेड करने, रेलवे स्टेशनों पर माल गोदाम और माल परिवहन के कंटेनर आदि की सुविधा को विकसित किया जाएगा।
पोटाश खनन प्रोजेक्ट पर एक नजर
- 2400 मिलियन टन के भंडार बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में है।
- केन्द्र और प्रदेश के खनन अधिकारियों ने आरएसएसएमएल व एमइसीएल के बीच एमओयू करके खनन के लिए आठ प्वाइंट पर स्टडी की है।
- 200 से 400 मीटर जमीन में सोल्यूशन माइनिंग तकनीक के माध्यम से बोरवेल करके पोटाश का खनन किया जाएगा।
इलाके को यह फायदा
- कृषि क्षेत्र में पोटाश बहुत उपयोगी है। खाद के कारखाने लगने की संभावना बनेगी, किसानों को सस्ते फर्टिलाइजर उपलब्ध होंगे।
- पोटाश का उपयोग शीशा, विभिन्न केमिकल और एक्सप्लोसिव तैयार करने में होता है। जिनसे जुड़े उद्योग यहां लग सकेंगे।
- पोटाश के साथ यहां लिथियम और सोडियम की उपलब्धता की प्रबल संभावना है। इस दिशा में भी काम शुरू होगा।
छह लेन ग्रीन फील्ड वे पर एक नजर
एनएचआइ की अमृतसर-जामनगर परियोजना के 1254 किलोमीटर लम्बी सड़क निर्माण योजना पर 19 हजार करोड़ रुपए खर्च होने हैं। छह लेन की यह सड़क बीकानेर जिले में लूणकरनसर तहसील के साबनीया गांव से शुरू होकर नोखा के गांव रासीसर, पांचू तक बनेगी। जो 200 किलोमीटर में बीकानेर, लूणकरनसर और नोखा से होकर गुजरेगी।
यह होगा फायदा
- इस प्रोजेक्ट से बीकानेर की तीन तहसील का क्षेत्र सीधा एक तरफ अमृतसर और दूसरी तरफ जामनगर से जुड़ जाएगा। बीकानेर जिले में सड़क निर्माण पर 2600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह कार्य अक्टूबर 2022 तक पूरा होगा।
- यह सड़क मार्ग पंजाब के अमृतसर से जामनगर कांडला (गुजरात) को आपस में जोडऩे वाली परियोजना का हिस्सा है। यह मार्ग हरियाणा से राजस्थान होकर गुजरात बॉर्डर की दूरी को 150 किलोमीटर कम कर देगा।
- इलाके के लोगों को हरियाणा और गुजरात आवागमन और माल परिवहन में सुगम और सस्ता परिवहन उपलब्ध होगा।
सागरमाला प्रोजेक्ट पर एक नजर
बीकानेर से जैसलमेर तक रेलवे माल ढुलाई के लिए रेलवे मार्ग और प्लेटफार्म विकसित किए जाएंगे। दो सौ किलोमीटर के इस रेल मार्ग की इस परियाजना पर दो हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। जैसलमेर से कांडला बंदरगाह तक सागरमाला प्रोजेक्ट पहले से स्वीकृत है। इसमें बीकानेर को और जोड़ा जाएगा।
यह होगा फायदा
बीकानेर और जैसलमेर के बीच के रेलवे स्टेशन विकसित किए जाएंगे। माल लोडिंग-अनलोडिंग के लिए प्लेटफार्म विकसित किए जाएंगे। यहां के व्यापारियों को डिपो की सुविधा मिलेगी। यात्री रेल सुविधा भी बेहतर मिलने लगेगी।
औद्योगिक विकास और रोजगार मिलेगा
सागरमाला प्रोजेक्ट के तहत माल बंदरगाह के आस-पास रेलवे से जोड़कर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का कार्य स्वीकृत किया गया है। इसमें जैसलेमर से कांदला के साथ बीकानेर को वाया जैसलमेर जोड़ा जाएगा। इसी तरह पोटाश के खनन की परियोजना पर काम चल रहा है। तीनों प्रोजेक्ट से बीकानेर में औद्योगिक विकास और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अगले तीन साल में इन तीनों प्रोजेक्टों को पूरा कर लिया जाएगा।
- अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय मंंत्री भारत सरकार
Published on:
14 Dec 2020 02:57 pm
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