रसोईघर नहीं होने से स्कूल प्रशासन खाद्य सामग्री को स्कूल के एक कमरे में या खुले में रखने को मजबूर है। कई स्कूलों में तो बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त कमरे नहीं होने से एक ही कमरे में दो कक्षाएं लगाई जा रही हैं। एक कमरे में स्कूल प्रशासन खाद्य सामग्री रखता है और मिड-डे मील के तहत खाना पकाया जाता है। इससे बच्चों की सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती है।
स्कूलों में रसोईघर बनाने काम दो विभागों के बीच फंसा हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल २०१६ में ही मिड-डे मील के तहत रसोईघर बनाने का काम विभाग के पास आया था। इससे पहले जिला परिषद की ओर से स्कूलों में रसोईघर बनाए जाते थे। वहां से पहले बनाए गए रसोईघरों की जानकारी नहीं मिली है। इससे स्कूलों में रसोईघर नहीं बन पाए। अधिकारियों के अनुसार इस संबंध में जिला कलक्टर को भी पत्र लिखकर कहा गया कि जिला परिषद से सूचना मांगी जाएं, लेकिन जिला परिषद अधिकारियों ने आज तक सूचना नहीं दी है।
जिला परिषद से जानकारी मांगी गई है। १५ अगस्त के बाद इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
उमाशंकर किराडू, प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी, बीकानेर