ऐसी है कहानी
कहानी की मुख्य किरदार महिला उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्ध नगर की है। उसकी शादी 20 साल पहले यूपी में रहने वाले युवक से हुई थी। महिला के पति की वर्ष 2019 में मृत्यु हो गई। पति की मौत के कुछ समय बाद ही उसने किसी दूसरे युवक से शादी रचा ली और वहां से भाग गई। बच्चे गौतमबुद्ध नगर में अपने ताऊ व ताई के पास रह रहे थे। साल-डेढ़ साल बाद महिला वापस आई और गौतमबुद्ध नगर में रहने वाले जेठ-जेठानी से झगड़ा कर अपनी सबसे छोटी बेटी सोहनी (परिवर्तित नाम) को लेकर अपने पीहर यूपी के ही किसी दूसरे गांव में चली गई। वहां कुछ दिन रहने के बाद बेटी को साथ लेकर निकल गई। बाद में उसने बालिका को यूपी के किसी गांव में लावारिस छोड़ दिया। वहां से बालिका मजदूरी करने वालों के साथ दंतौर आ गई।
…तब रो पड़ी मासूम
ढाई-तीन महीने पहले महिला बेटी को लेकर यूपी के जिस गांव में गई, वहां बेटी को एक दिन अकेला छोड़ कर निकली और वापस घर नहीं लौटी। बेटी मां को खोजने निकली, तो उसे तरह-तरह की बातें सुनने को मिलीं। किसी ने मां के भाग जाने की बात कहते हुए ताने कसे, तो किसी ने कहां कि वह मर गई। बच्ची रोने लगी। तब उसे गांव के ही एक परिवार ने संभाला। यह परिवार बीकानेर जिले के दंतौर में मजबूरी करता है।
डर गए पुलिस से और …
बालिका के मुताबिक, वह जिसके घर पर रुकी थी, वह बेहद अच्छे लोग हैं। वे उसका पूरा ख्याल रखते थे। यह परिवार जब हरिद्वार व पंजाब घूमने गया, तो उसे भी साथ ले गया। सूत्रों के मुताबिक, वहां से आने के बाद परिवार के लोग डर गए। उन्होंने बालिका के बारे में रणजीतपुरा थाने में सूचना दी। पुलिस ने बालिका को दस्तयाब कर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। पुलिस व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने उसके परिजनों की तलाश शुरू की। करीब 13 दिन की मेहनत के बाद उसके ताई-ताऊ को ढूंढ निकाला। सोमवार को बालिका के ताऊ एवं उसका सगा भाई बीकानेर आए। उन्हें बालिका को सुपुर्द कर दिया गया।