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बीकानेर

नगर निगम ना पैन चला ना झाड़ू, तकरार जारी, देखें वीडियो

कार्मिक कार्य बहिष्कार पर, महापौर-पार्षद अपने निर्णय पर कायम

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नगर निगम की साधारण सभा से शुरू हुआ महापौर-पार्षद तथा अधिकारियों-कर्मचारियों का मनमुटाव गहराता जा रहा है। गुरुवार को दूसरे दिन भी निगम कार्मिकों ने कार्य का बहिष्कार किया। इससे शहर में सफाई व्यवस्था ठप रही। गतिरोध के चलते निगम कार्मिकों ने न सफाई के लिए झाडू चलाया और ना ही कार्यालय कार्य के लिए पैन।

 

निगम में कार्यालय कार्य भी ठप रहे। इससे निगम पहुंचे लोग दिनभर परेशान होते रहे। निगम भण्डार गृह से सफाई के लिए न साधन-संसाधन निकले और ना ही सफाई कार्मिकों ने सफाई कार्य किया। कार्मिक भण्डार में एकत्रित रहे। वहीं भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले निगम कार्मिकों ने आयुक्त के समक्ष महापौर-पार्षदों के समक्ष किसी भी प्रकार से नहीं झुकने को लेकर अपनी मंशा प्रकट की।

 

सफाई वाहनों के थमे पहिए
नगर निगम सफाई कार्मिकों के गुरुवार को कार्य बहिष्कार पर रहने से शहर में न सड़कों पर झाडू चला और ना ही कचरे को उठाया गया। इससे बाजारों सहित मुख्य सड़कों व गली-मोहल्लों तक जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहे। निगम भण्डार परिसर में सभी प्रकार के सफाई वाहनों के पहिए थमें रहे। गांधी प्रतिमा के समक्ष कार्मिकों ने राम धुन के गायन के साथ नारेबाजी की।

 

कार्मिकों को मिला भामसं का साथ
भारतीय मजदूर संघ ने साधारण सभा में पारित किए प्रस्ताव पर विरोध जताया है। गुरुवार को भामसं के प्रदेशमंत्री हनुमानदास राव के नेतृत्व में निगम कार्मिकों ने निगम आयुक्त से मुलाकात कर अधिकारियों-कर्मचारियों को एपीओ करने के निर्वाचित बोर्ड के निर्णय पर रोष जताया। प्रदेश मंत्री राव ने कहा कि किसी अधिकारी-कर्मचारी के सम्मान और भावना को अगर ठेस पहुंचाई जाती है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

भामसं के जिला मंत्री शिव कुमार व्यास ने पारित प्रस्ताव की निन्दा करते हुए चेतावनी दी कि यदि निगम के किसी अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की जाती है तो भामसं सड़क पर उतरकर उसका जवाब देगा। कर्मचारी नेता शिवलाल तेजी ने बताया कि कार्मिकों में रोष है। इस दौरान रतनलाल चांवरिया, गणेश चंदेलिया, गजराज चांगरा, राज कुमार चांगरा सहित निगम कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

परिपत्र-आदेश में उलझे अधिकारी-महापौर
एक ओर जहां पार्षद-कर्मचारियों में रोष गहराता जा रहा है वहीं गुरुवार को निगम महापौर और अधिकारी स्वायत शासन विभाग की ओर से जारी परिपत्र तथा आदेश में उलझे नजर आए। अधिकारियों ने स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव पवन अरोडा की ओर से 17 अक्टूबर 2017 को जारी परिपत्र को सार्वजनिक करते हुए बताया कि महापौर, सभापति और अध्यक्ष, नगर पालिका सेवा के अधिकारी को कार्यमुक्त करने में सक्षम नहीं है।

 

अगर वे ऐसा करते है तो उनके विरुद्ध राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई किए जाने की जानकारी परिपत्र में है। वहीं महापौर नारायण चोपड़ा ने स्वायत शासन विभाग के ही 9 नवम्बर 2017 को जारी आदेश का हवाला देते हुए बताया कि अध्यक्ष, सभापति और महापौर को नगरीय निकायों के वित्तीय और प्रशासनिक नियंत्रण के पूर्ण अधिकार दिए गए है।

 

पार्षद अपने निर्णय पर कायम
नगर निगम में पार्षदों-कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद के शीघ्र थमने के आसार नजर नहीं आ रहे है। जहां कर्मचारी कार्य बहिष्कार के माध्यम से अपनी मंशा प्रकट चुके है वहीं भाजपा पार्षद भी साधारण सभा में पारित किए गए एपीओ के प्रस्ताव के अपने निर्णय पर कायम है।

 

महापौर कक्ष में मौजूद भाजपा के पार्षदों ने अपने निर्णय पर कायम रहने की मंशा महापौर के समक्ष प्रकट की। इस दौरान पार्षद राजेन्द्र कुमार शर्मा, मोहम्मद ताहिर, दिनेश उपाध्याय, विनोद धवल, दुलीचंद शर्मा, रामचन्द्र सोनी सहित शंभू गहलोत, हेतराम, मधु शर्मा आदि उपस्थित थे।