बताया जा रहा है कि इस कार्य को करने वाले ठेकेदार ने दो माह में ही राशि दोगुनी करवाली है। निगम अब यह काम एक लाख ७० हजार रुपए प्रतिमाह खर्च करके करवाएगा, जबकि जुलाई में यही कार्य इसी ठेकेदार फर्म की ओर से महज ९५ हजार रुपए प्रतिमाह की दर पर किया गया था। पिछले माह ठेकेदार ने यह राशि एक लाख पचास हजार रुपए करवाई थी।
१५ श्रमिक करेंगे कार्य
शहर में सीवरेज की मैन्युअल सफाई का कार्य एक सितम्बर से १५ कार्मिक कर रहे हैं। कोटेशन पर कार्य कर रहे ठेकेदार मोतीलाल ने बताया कि श्रमिकों की दैनिक मजदूरी बढ़ गई है। इससे कम राशि पर कार्य करना संभव नहीं है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने निगम से दो लाख रुपए मांगे थे, लेकिन कायम एक लाख सत्तर हजार रुपए प्रतिमाह में तय हुआ।
शहर में सीवरेज की मैन्युअल सफाई का कार्य एक सितम्बर से १५ कार्मिक कर रहे हैं। कोटेशन पर कार्य कर रहे ठेकेदार मोतीलाल ने बताया कि श्रमिकों की दैनिक मजदूरी बढ़ गई है। इससे कम राशि पर कार्य करना संभव नहीं है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने निगम से दो लाख रुपए मांगे थे, लेकिन कायम एक लाख सत्तर हजार रुपए प्रतिमाह में तय हुआ।
बच सकती है यह राशि
जानकारों की मानें तो निगम सीवरेज की मैन्युअल सफाई का काम अपने कर्मचारियों से करवाए तो इस कार्य में खर्च होनी वाली राशि बचाई जा सकती है। इसके लिए सफाई कर्मचारियों को महज कुछ दिनों के सामान्य प्रशिक्षण की जरूरत है।
जानकारों की मानें तो निगम सीवरेज की मैन्युअल सफाई का काम अपने कर्मचारियों से करवाए तो इस कार्य में खर्च होनी वाली राशि बचाई जा सकती है। इसके लिए सफाई कर्मचारियों को महज कुछ दिनों के सामान्य प्रशिक्षण की जरूरत है।
जुलाई से पटरी पर नहीं व्यवस्था
शहरी क्षेत्र में मैन्युअल सीवरेज सफाई कार्य जुलाई से प्रभावित है। बताया जा रहा है कि जिस फर्म के पास यह कार्य था, उसने जुलाई में इस कार्य को बंद कर दिया। इसके बाद निगम कोटेशन के आधार पर ही यह कार्य करवा रहा है। इस बीच निगम ने एक बार टेण्डर भी किया, लेकिन तकनीकी रूप से फर्म कार्य के योग्य नहीं पाई गई। निगम जुलाई व अगस्त के बीच कोटेशन आधारित कार्य की दो बार राशि बढ़ा चुका है, जबकि ठेकेदार कई बार यह कार्य बंद भी कर चुका है।
शहरी क्षेत्र में मैन्युअल सीवरेज सफाई कार्य जुलाई से प्रभावित है। बताया जा रहा है कि जिस फर्म के पास यह कार्य था, उसने जुलाई में इस कार्य को बंद कर दिया। इसके बाद निगम कोटेशन के आधार पर ही यह कार्य करवा रहा है। इस बीच निगम ने एक बार टेण्डर भी किया, लेकिन तकनीकी रूप से फर्म कार्य के योग्य नहीं पाई गई। निगम जुलाई व अगस्त के बीच कोटेशन आधारित कार्य की दो बार राशि बढ़ा चुका है, जबकि ठेकेदार कई बार यह कार्य बंद भी कर चुका है।
कमजोर महापौर
नगर निगम महापौर बेबस और कमजोर हैं। सीवरेज के मैन्युअल सफाई कार्य में ठेकेदार की मनमर्जी चल रही है। निगम अपने स्तर भी इस कार्य को करवा सकता है और राशि बचा सकता है। दो माह में राशि का दोगुना होना दर्शाता है कि निगम प्रशासन और महापौर ठेकेदार के आगे नतमस्तक हैं।
जावेद पडि़हार, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम बीकानेर
नगर निगम महापौर बेबस और कमजोर हैं। सीवरेज के मैन्युअल सफाई कार्य में ठेकेदार की मनमर्जी चल रही है। निगम अपने स्तर भी इस कार्य को करवा सकता है और राशि बचा सकता है। दो माह में राशि का दोगुना होना दर्शाता है कि निगम प्रशासन और महापौर ठेकेदार के आगे नतमस्तक हैं।
जावेद पडि़हार, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम बीकानेर
राशि की जानकारी नहीं
मैन्युअल सीवरेज सफाई का कार्य कोटेशन आधार पर शुरू हो गया है। पहले राशि क्या थी और अब क्या है, पता नहीं है। फाइल देखकर ही राशि बता सकता हंू।
प्रदीप के गवांडे, आयुक्त, नगर निगम बीकानेर
मैन्युअल सीवरेज सफाई का कार्य कोटेशन आधार पर शुरू हो गया है। पहले राशि क्या थी और अब क्या है, पता नहीं है। फाइल देखकर ही राशि बता सकता हंू।
प्रदीप के गवांडे, आयुक्त, नगर निगम बीकानेर