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ना सडक़ों से हटे पशु ना ही बने महिला शौचालय

नगर निगम (nagar nigam) - एक साल शहर की सरकार          

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ना सडक़ों से हटे पशु ना ही बने महिला शौचालय

ना सडक़ों से हटे पशु ना ही बने महिला शौचालय

बीकानेर. शहर की सडक़ों पर बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। नगर निगम (nagar nigam) न पशुओं को पकड़ रहा है और ना ही पूगल रोड स्थित अपनी गोशाला में पशुओं (nagar nigam) को रख रहा है। पिछले आठ माह से सडक़ों से पशु पकडऩे का काम बंद पड़ा है। निगम महापौर का पदभार संभालने के बाद सुशीला राजपुरोहित ने शहर की बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान करने और सडक़ों से पशु हटाने की बात प्रमुखता से कही थी।

बोर्ड गठन के एक साल बाद भी पशुओं की समस्या जस की तस बनी हुई है। आए दिन लोग पशुओं के कारण चोटिल हो रहे है। पशुओं के कारण सडक़ दुर्घटनाएं भी होती रहती है। पहले निगम अपने स्तर और अनुबंधित फर्म के माध्यम से पशु तो रहा था, अब पशु पकडऩे का काम भी ठप पड़ा है। बताया जा रहा है कि निगम प्रशासन अपनी पूगल रोड स्थित गोशाला (goshalla) में रह रहे पशुओं को अन्य गोशालाओं में शिफ्ट करने का मानस बना चुका है।

कागजों में दब गए महिला शौचालय
महिला महापौर के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद महापौर सुशीला राजपुरोहित ने शहर के व्यस्तम बाजारों में महिलाओं के लिए अलग से महिला शौचालय (toilets) बनाने की घोषणा कर सुर्खिया बटोरी थी। शहर की सरकार का एक साल का कार्यकाल लगभग पूरा हो चुका है। अब तक न तो महिला शौचालयों के लिए स्थान निर्धारित हो पाया है और ना ही पत्रावलीं गति पकड़ रही है। महिला शौचालयों को लेकर अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए और तीन स्थानों पर महिला शौचालय बनाने को लेकर पत्र भी चला। लेकिन आज तक न महिला शौचालय के लिए स्थान तय हो पाया है और ना ही प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।

करोड़ो खर्च, एक भी पशु नहीं डाल रहे
नगर निगम पूगल रोड स्थित अपनी गोशाला पर अब तक तीन करोड रुपए से अधिक की राशि खर्च कर चुका है। गोशाला में चार दीवारी और निर्माण कार्यो सहित अन्य व्यवस्थाओं पर बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी वर्तमान में एक भी पशु को गोशाला में नहीं डाला जा रहा है। निगम जानकारी अनुसार अप्रेल से गोशाला में पशु डालने का काम ंबंद है। बताया जा रहा है कि निगम प्रशासन की मंशा अपनी गोशाला में पशुओं को नहीं रखने की है। गोशाला शुरूआत में जो गोशाला में पशुओं की संख्या 4300 से अधिक थी अब 650 के लगभग है। इनमें से अधिकतर पशुओं की मृत्यु हो गई, जबकि कुछ पशुओं को उनके मालिक पेनल्टी राशि जमा करवाकर छुडवा ले गए व कुछ पशुओं को अन्य गोशाला में शिफ्ट कर दिया गया।