18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो बार गठित हो गई निगम की कमेटियां, आमजन को लाभ एक का भी नहीं

नगर निगम (bikaner nagar nigam) : आठ माह बाद भी अधर में लटकी हुई है निगम कमेटियां            

2 min read
Google source verification
दो बार गठित हो गई निगम की कमेटियां, आमजन को लाभ एक का भी नहीं

दो बार गठित हो गई निगम की कमेटियां, आमजन को लाभ एक का भी नहीं

बीकानेर. नगर निगम (bikaner nagar nigam) बोर्ड के गठन के एक साल बाद भी शहर की जनता को निगम कमेटियों (nigam committees ) का लाभ नहीं मिल रहा है। निगम में शहर की सरकार गठित होने के बावजूद कमेटियों के माध्यम से होने वाले सभी कार्य अधिकारियों के हवाले है। निगम और आमजन के हर छोटे-बड़े कार्यो पर निर्णय जनप्रतिनिधि (Public representative) नहीं अधिकारी ले रहे है।

कमेटियों के माध्यम से आमजन को जो राहत मिलना चाहिए, वह एक साल बाद भी नहीं मिल पाई है। एक बार महापौर की ओर से और दूसरी बार राज्य सरकार की ओर से निगम कमेटियों का गठन किया जा चुका है। एक बोर्ड में दो-दो बार कमेटियों के गठन होने से मामला न्यायालय तक पहुंचा हुआ है। निगम में सत्तारूढ़ भाजपा बोर्ड और दूसरी ओर प्रदेश सरकार की ओर से गठित कमेटियों पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं हो पाने का खमियाजा शहर की जनता भुगत रही है। आमजन के छोटे-छोटे कार्य भी लम्बित चल रहे है और लोग रोज निगम के चक्कर निकाल रहे है।

सभा में उपजा विवाद, अटका कमेटिया का गठन
नगर निगम की फरवरी माह में हुई साधारण सभा (General Assembly) में पक्ष और विपक्ष के पार्षदों में उपजे विवाद में निगम की कमेटियां उलझ कर रह गई है। महापौर का कहना है कि कमेटियों का गठन कर प्रस्ताव को सदन के पटल पर रख दिया गया। जबकि विपक्षी कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि सदन के पटल पर बिना रखे और प्रस्ताव का वाचन किए बिना कमेटियों के गठन का कोई अस्तित्व नहीं है। पक्ष-विपक्ष के आपसी विवाद में पिछले कई महिनों से निगम कमेटियां अस्तित्व में नहीं आ पा रही है व मामला अटका हुआ है।

17 कमेटियों का गठन
नगर निगम में कार्यपालिका समिति, वित्त समिति, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति, सार्वजनिक मार्गो, स्थानों और भवनों में रोशनी समिति, भवन अनुज्ञा एवं संकर्म समिति, गन्दी बस्ती सुधार समिति, महिला और बाल विकास, गरीबी उन्मूलन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और जरुरतमंद व्यक्तियों को भोजन वितरण समिति,नियम और उपविधि समिति, अपराधों का शमन और समझौता समिति, मार्केट लाइसेंस एवं राजस्व समिति, अग्निशमन, रैनबसेरा एवं आपदा प्रबन्धन समिति, अवज्ञा एवं अतिक्रमण समिति, नगर विकास, उद्यान एवं सौन्दर्यकरण समिति, जन कल्याण, गौशाला, मेला एवं उत्सव समिति, सीवरेज, ड्रेनेज निस्तारण समिति, सार्वजनिक परिवहन एवं पर्यावरण समिति तथा पर्यटन एवं विरासत संरक्षण समितियों के गठन का प्रावधान है। महापौर की ओर से २१ कमेटियों का गठन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति, सार्वजनिक मार्गो, स्थानों और भवनों में रोशनी समिति की तीन-तीन कमेटियां गठित की गई।

अटक रहे आमजन के काम
निगम में कमेटियों का गठन नहीं होने से आमजन से जुड़े और निगम कार्यालयी कार्य व निर्णय भी अटक रहे है। कमेटियों में जनप्रतिनिधि शामिल होने से न केवल आमजन से जुड़े कार्यो में गति रहती है बल्कि आमजन को राहत मिलने की उम्मीद रहती है। निगम के नीतिगत निर्णय (policy decision) भी जल्द होने के साथ कार्यालयी कार्यो में गति बनी रहती है। वर्तमान बोर्ड में अब तक कमेटियों का लाभ मिलना आमजन को शुरू नहीं हुआ है। इजाजत तामिर, मार्केट लाइसेंस, स्वच्छता, सार्वजनिक प्रकाश, अवज्ञा एवं अतिक्रमण, नगर विकास, उद्यान एवं सौन्दर्यकरण सहित कई कार्य जिनके जनहित (Public interest) में निर्णय कमेटियों के माध्यम से लिए जाते है वे अटके पड़े है।