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दो महकमों में उलझी मुक्ता प्रसाद कॉलोनी, न एलईडी हो रही रोशन, ना ही साफ- सफाई

निगम क्षेत्र में होने के बावजूद कॉलोनी निवासी इस कॉलोनी के आवासन मण्डल की होने का खमियाजा भुगत रहे है।

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मुक्ता प्रसाद कॉलोनी आवासन मण्डल की कॉलोनी है, लेकिन नगर निगम क्षेत्र में होने के बाद भी निगम की ओर से दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। निगम क्षेत्र में होने के बावजूद कॉलोनी निवासी इस कॉलोनी के आवासन मण्डल की होने का खमियाजा भुगत रहे है। कॉलोनी में न उचित सफाई और ना ही उचित प्रकाश की की व्यवस्था है।


आवासन मण्डल और निगम के बीच राजस्व प्राप्ति को लेकर चल रही नूरा कुश्ती और जोड़-गुणा का हिसाब इस कॉलोनी के निवासियों पर भारी पड़ रहा है। दो सरकारी महकमों के बीच आय की उलझन में फंसी इस कॉलोनी के निवासी समस्याओं से परेशान है। आवासन मण्डल जहां इस कॉलोनी से आय का लोभ नहीं छोड़ पा रहा है, वहीं नगर निगम बिना कमाई के इस कॉलोनी को अपने क्षेत्राधिकार में लेने के मूड में नजर नहीं आ रहा है।

तीन पार्षद फिर भी सुविधाओं से दूर
नगर निगम के निर्वाचित बोर्ड के 60 वार्ड पार्षदों में से तीन पार्षदों का निर्वाचन क्षेत्र मुक्ता प्रसाद कॉलोनी में आता है। इसके बाद भी वे कॉलोनी निवासियों को समस्याओं से राहत नहीं दिला पा रहे हैं। इस क्षेत्र में तीन पार्षदों का प्रतिनिधित्व होने के बावजूद महापौर व निगम अधिकारी यहां के बाशिंदों की पीड़ा नहीं समझ रहे हैं, जबकि पार्षद समस्याओं के निस्तारण की मांग कई बार सदन में भी उठा चुके हैं।

साढ़े तीन लाख में हो रही सफाई
मुक्ता प्रसाद कॉलोनी क्षेत्र के 17 सेक्टरों में करीब पांच हजार से अधिक मकान व ढाई दर्जन पार्क हैं। आवासन मण्डल यहां साफ-सफाई के लिए प्रतिमाह नगर निगम को साढ़े तीन लाख रुपए का भुगतान कर रहा है। बताया जा रहा है मण्डल और निगम के बीच एक वर्ष के लिए साफ-सफाई का एमओयू 42 लाख रुपए में हुआ है। यह कॉलोनी निगम क्षेत्र का ही हिस्सा होने के बावजूद मण्डल सफाई के लिए निगम प्रशासन को भुगतान कर रहा है।

निगम नहीं लगा रहा एलईडी
नगर निगम की ओर से नगर विकास न्यास क्षेत्र, कच्ची बस्तियों और अराजीराज क्षेत्रों बनी कॉलोनियों में एलईडी लाइटें लगाई जा रही हैं, लेकिन सरकार की ओर से विकसित मुक्ता प्रसाद कॉलोनी में एक भी एलईडी लाइट नहीं लगाई जा रही है। वार्ड पार्षद राजेन्द्र कुमार शर्मा के अनुसार महापौर, अधिकारियों को कई बार बताने बाद भी कॉलोनी में एलईडी लाइटें नहीं लगाई जा रही है। निगम ने अधिकार क्षेत्र में नहीं होने की बात कह कर एलईडी लाइटों से वंचित किया हुआ है।

हो रहा सौतेला व्यवहार
मुक्ता प्रसाद कॉलोनी नगर निगम क्षेत्र का ही एक हिस्सा है। यहां के पार्षद निगम के माध्यम से कॉलोनी में न तो एलईडी लगवा सकते हैं, ना सड़क व नाली निर्माण का कार्य। सफाई व्यवस्था तक नहीं करवा सकते है। निगम और आवासन मण्डल हठधर्मिता पर उतारू है। कॉलोनी निवासी परेशान है। कॉलोनी शहर में होने के बावजदू सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
राजेन्द्र कुमार शर्मा, वार्ड पार्षद

मकान बनाना कार्य
आवासन मण्डल का कार्य मकान बनाना और नई कॉलोनी विकसित करना है। मंडल का बेसिक कार्य रख-रखाव नहीं है। कॉलोनी तैयार कर हैण्डओवर करना कार्य है। विभाग मुक्ता प्रसाद कॉलोनी में साढ़े तीन लाख रुपए खर्च कर प्रतिमाह सफाई करवा रहा है, वहीं ऑक्शन के माध्यम से प्राप्त राशि में से डेढ़ करोड़ का भुगतान नगर निगम को किया हुआ है।
एमसी उपाध्याय, उप आवासन आयुक्त, आवासन मण्डल बीकानेर

सभी को मिले फायदा
मूलभूत सुविधाओं और विकास कार्यों पर सभी का हक है। मुक्ता प्रसाद कॉलोनी को भी निगम की सुविधाओं व विकास कार्यों का लाभ मिलना चाहिए। विडम्बना है कि कुछ नियम आड़े आ रहे है। मंत्री व उच्च अधिकारियों से शीघ्र वार्ता कर इसके लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे। आवासन मण्डल भी अपनी कॉलोनी में राजस्व प्राप्ति का कुछ जरिया नगर निगम को उपलब्ध करवाए, ताकि निगम कॉलोनी को अपने क्षेत्राधिकार में लेकर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवा सके।
नारायण चौपड़ा, महापौर, नगर निगम बीकानेर