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काली कमाई को सफेद करने की आड़ में चल रही एक फर्जी कम्पनी का खुलासा होने के बाद आयकर विभाग हरकत में आ गया है।
पिछले दिनों आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा के हत्थे चढ़े श्रीगंगानगर के एक चार्टर्ड एकाउण्टेंट के यहां इस प्रकार की कम्पनी संचालित होने के दस्तावेज मिले थे।
विभाग के अधिकारियों ने यहां सर्च की कार्रवाई को अंजाम दिया था। कार्रवाई के दौरान जब्त दस्तावेजों के अनुसार कम्पनी में बीकानेर सहित हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के काफी व्यापारियों ने अपनी पूंजी निवेश कर रखी थी।
कम्पनी शेयर बेचने के नाम पर मुनाफे के तौर पर प्रीमियम जारी करती थी। इस प्रीमियम को शेयर होल्डर अपना मुनाफा बताकर काली कमाई को सफेद करने की जुगत में लगे हुए थे।
कम्पनी संचालक के यहां अघोषित आय का खुलासा करने के बाद अब आयकर विभाग ने जब्त दस्तावेजों को जांच में शामिल कर लिया है। बताया जाता है कि श्रीगंगानगर मेंं जब्त दस्तावेजों को यहां बीकानेर में स्थित प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को जांच के लिए सौंपे जाएंगे।
बीकानेर मे भी फर्जी कम्पनियां
आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो बीकानेर में भी इस प्रकार की कम्पनियों के संचालित होने की जानकारी विभाग को मिली है, जहां जल्द ही विभाग कार्रवाई हो सकती है।
सूत्रों की मानें तो विभाग इन्कम डिक्लरेशन स्कीम 2016 की आखिरी तारीख 30 सितम्बर तक इंतजार कर रहा है, इसके बाद सर्वे और सर्च की कार्रवाई बड़े पैमाने पर हो सकती है।
इनके यहां ज्यादा फोकस
सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग का फोकस आढ़त कारोबारियों, चिकित्सकों, बिल्डर्स, जमीन का कारोबार करने वाले प्रापर्टी डीलरों सहित निजी अस्पताल मालिकों पर है। इनके यहां से विभाग को आय के अनुरूप इन्कम टैक्स नहीं मिल रहा है।
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