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अब सरकारी दफ्तरों में काम के बदले मिलेगा ‘बेरोजगारी भत्ता

bikaner news - Now you will get unemployment allowance in lieu of work in government offices

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अब सरकारी दफ्तरों में काम के बदले मिलेगा 'बेरोजगारी भत्ता

अब सरकारी दफ्तरों में काम के बदले मिलेगा 'बेरोजगारी भत्ता

बेरोजगारों को रोजाना चार घंटे करना होगा काम, तीन माह तक देनी होगी सेवाएं
एक्सक्लूसिव स्टोरी
जयभगवान उपाध्याय
बीकानेर.

प्रदेश के बेरोजगारों को अब बेरोजगारी भत्ता लेने के बदले सरकारी दफ्तरों में काम करना होगा। रोजाना चार घंटे काम करने के बाद ही संबंधित बेरोजगार के बैंक खाते में निर्धारित राशि का भत्ता डाला जाएगा। रोजगार कार्यालय ने मुख्यमंत्री युवा संबल योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।

वित्त विभाग की मंजूरी के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा। फिलहाल रोजगार कार्यालय में नए बेरोजगारों का पंजीयन तो किया जा रहा है लेकिन उन्हें भत्ते की राशि नई योजना जारी होने के बाद ही दी जाएगी। वर्तमान में बेरोजगार युवकों को तीन हजार तथा महिला एवं दिव्यांग को साढ़े तीन हजार रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। नई योजना में भत्ते की राशि एक हजार रुपए बढऩे के बाद क्रमश: साढ़े तीन और साढ़े चार हजार रुपए हो जाएगी। भत्ते की बढ़ी राशि का लाभ उन्हीं बेरोजगारों को मिलेगा जो सरकारी दफ्तरों में इंटर्नशिप करेंगे।


दो लाख बेरोजगारो को जोडऩे का दावा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट घोषणा अनुसार नई योजना का लाभ प्रदेश के दो लाख बेराजगारों को मिलेगा। वर्तमान में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या पूरे प्रदेश में करीब एक लाख, 60 हजार है। बजट घोषणा के अनुसार वर्तमान में राज्य सरकार ने बेरोजगारों को भत्ता देने के लिए प्रतिवर्ष करीब 650 करोड़ रुपए व्यय करती है। बेरोजगारी भत्ते की राशि बढ़ाने और बेरोजगारों की संख्या में करीब 40 हजार की बढ़ोतरी होने से राज्य सरकार पर करीब 350 करोड़ रुपए का भार प्रति वर्ष बढ़ेगा।

बताया जाता है कि नई योजना 'मुख्यमंत्री युवा संबल को जल्द लागू करने के लिए विभाग ने योजना की संपूर्ण रूपरेखा तैयार कर वित्त विभाग को भिजवा दी है। जब तक नई योजना शुरू नहीं होती तब तक पुराने पंजीकृत बेरोजगारों को पूर्व निर्धारित बेरोजगारी भत्ते की राशि ही दी जाएगी। बीकानेर में प्रति माह करीब तीन हजार बेरोजगारों के बैंक खाते में करीब एक करोड़ रुपए की राशि डाली जा रही है।


नजदीकी जगह मिलेगा इंटर्नशिप
विभाग के जानकारों की मानें तो राज्य सरकार का उद्देश्य बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों में होने वाले काम-काज से भी रूबरू करवाना है। तीन महीने तक प्रतिदिन चार घंटे काम करने के लिए शहरी और ग्रामीण बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर ही काम मिल सकेगा। इससे पूर्व बेरोजगारों को काम देने और उनका संबंधित विभाग में भेजने से पूर्व कि क्या प्रक्रिया होगी, इस संबंध में उच्चाधिकारी मंथन कर रहे हैं।


कामकाज का मिलेगा अनुभव
वर्तमान में बेरोजगारों को केवल बेरोजगारी भत्ते की राशि दी जा रही है। नई योजना प्रभावी होने के बाद बेरोजगारों को सरकारी दफ्तरों में होने वाले कामकाज से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। अगर संबंधित बेरोजगार का सरकारी सेवा के लिए चयन होता है तो उसे सरकारी कामकाज समझने में ज्यादा आसानी होगी। विभाग योजना को जल्द ही अंतिम रूप देकर प्रदेश में जारी करेगा।
हरगोविन्द मित्तल, सहायक निदेशक रोजगार कार्यालय, बीकानेर