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कोरोना से एक और मौत, 156 नए संक्रमित

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच, प्रशासन की सलाह, लापरवाही नहीं बरतें

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कोरोना से एक और मौत, 156 नए संक्रमित

कोरोना से एक और मौत, 156 नए संक्रमित

बीकानेर। कोरोना की चपेट में अब हर दिन १०० लोग आ रहे हैं। वहीं मौतों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को १५६ नए रोगी सामने आए तो एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत भी हो गई। इन नए रोगियों के साथ ही जिले में अब तक कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा ४०३८ पहुंच गया है, इनमें से ७४ लोगों की मौत हो चुकी है।


एसपी मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. एलए गौरी ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ निवासी ४५ वर्षीय रज्जाक अली की तबीयत खराब होने पर परिजन रविवार सुबह पीबीएम अस्पताल लाए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उक्त व्यक्ति की कोरोना जांच के लिए सैम्पल भेजा जो पॉजिटिव आया।

इस महीने सर्वाधिक संक्रमण
पिछले चार महीने की अपेक्षा अगस्त माह में संक्रमण सर्वाधिक अधिक है। जुलाई माह में ३१ दिनों में ३२ मौत और १६९८ लोग संक्रमित हुए थे जबकि अगस्त माह के २३ दिनों में २००६८पॉजिटिव रिपोर्ट हो चुके हैं। अगर कोरोना संक्रमण की यही रफ्तार रही तो अगले सात दिन में बीकानेर जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पांच हजार को पार कर जाएगा।

कोरोना से घबराएं नहीं, जांच कराएं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा ने बताया कि जांच दायरा बढऩे से मरीज सामने आ रहे हैं। आमजन कोरोना से घबराएं नहीं, सर्दी-जुकाम व बुखार होने पर जांच कराए। घर से बाहर निकलते समय मास्क व सैनेटाइजर का उपयोग करें। रविवार को १५६ लोग नए संक्रमित मिले हैं, जिसमं ९८ पुरुष और ५७ महिलाएं संक्रमित हुई है। साथ ही एक से २० साल तक के १७ लड़के और १२ लड़कियां भी शामिल हैं। इन १५६ पॉजिटिव में दो जयपुर में रिपोर्ट हुए लोग भी शामिल हैं। संक्रमितों में पीबीएम अस्पताल के दो लैब टेक्निशियन भी शामिल हैं।

ठीक भी हो रहे, घबराएं नहीं
जिला महामारी विशेषज्ञ नीलम प्र्रतापसिंह राठौड़ ने बताया कि रविवार को ५६ मरीज और ठीक हो गए। इसके साथ अब तक ३१३२ लोग पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं। बीकानेेर में जून व जुलाई की अपेक्षा रिकवरी रेट आठ प्रतिशत अधिक हैं। डॉ. मीणा ने बताया कि ७४ लोगों की मौत भी हुई है। मरने वाले मधुमेह, हृदय, कैंसर, फैंफड़ों में संक्रमण, श्वांस रोग, उच्च रक्तचाप, गुर्दों की बीमारी सहित अन्य गंभीर बीमारी से पीडि़त थे। इसके अलावा वे लोग है जो इन गंभीर बीमारियों के साथ-साथ बीमार होने पर घर पर ही इलाज लेते रहे और अस्पताल गंभीर हालत में पहुंचे।