18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रान आवेदनों की धीमी गति, फरवरी के वेतन पर पड़ सकता है असर

एनपीएस के तहत नियुक्त 749 कर्मचारियों के बनने है प्रान कार्डडीएलबी ने वेतन आहरण के लिए वेतन बिल पर प्रान नम्बर अंकित करने के दिए है आदेश

2 min read
Google source verification
प्रान आवेदनों की धीमी गति, फरवरी के वेतन पर पड़ सकता है असर

प्रान आवेदनों की धीमी गति, फरवरी के वेतन पर पड़ सकता है असर

बीकानेर. नगर निगम में नेशनल पेंशन स्कीम के तहत नियुक्त कर्मचारियों के प्रान (परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर) नंबर अत्यंत धीमी गति से बन रहे है। जिस गति से प्रान नंबर के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चल रही है उसको देखते हुए नहीं लगता है कि इस माह के अंत तक सभी कर्मचारियों के प्रान के लिए आवेदन भी हो जाए। पहले प्रान नंबर में ढिलाई बरतने और अब एनएसडीएल की वेबसाइट के धीमी गति से चलने के कारण पांच से दस कर्मचारियों के ऑनलाइन आवेदन ही संभव हो पा रहे है। ऐसे में कर्मचारियों के फरवरी के वेतन आहरण पर असर पड़ सकता है। डीएलबी ने वेतन बिल पर बिना प्रान नंबर के वेतन बिल आहरित नहीं करने के आदेश जारी कर रखे है।

1234 में 455 के बने है प्रान
नगर निगम में वर्ष 2004 से अब तक 1234 सफाई कर्मचारी एनपीएस के तहत नियुक्त हुए है। इन कर्मचारियों में से अब तक निगम 455 कर्मचारियों के ही प्रान नंबर जारी करवा सका है। बताया जा रहा है कि 30 आवेदन डीएलबी स्तर पर पेंडिंग पडे है जबकि 749 कर्मचारियों के प्रान नंबर अब जारी होने है। इसके लिए निगम ने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए कम्प्युटर ऑपरेटर भी लगाए है।

डीएलबी के है ये आदेश
एनपीएस के तहत नियुक्त कर्मचारियों के मासिक वेतन आहरण को लेकर डीएलबी निदेशक एवंं विशिष्ट सचिव दीपक नंदी ने एक आदेश जारी कर निर्देश दिए हुए है कि प्रत्येक कर्मचारी के प्रान नंबर सही और आवश्यक रूप से अंकित किए जाए। बिना प्रान नंबर के कोई भी बिल आहरित नहीं किया जाए। जिन कर्मचारियों के प्रान नंबर जारी नहीं हुए है उनके ऑनलाइन प्रान नंबर आवंटन के लिए एनएसडीएल की वेबसाइर्ट के माध्यम से आवेदन किया जाए। निदेशक ने आदेश में बताया है कि यदि किसी कर्मचारी को बिना प्रान नंबर के वेतन बिल आहरित किया जाता है तो इसे निर्देशों का उल्लंघन मानते हुए संबंधित कैशियर एवं अधिकारी के विरुद्ध राजस्थान राज्य सेवा नियमों के तहत कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।


अधिकारी जुटे प्रान आवेदन में
निगम उपायुक्त पंकज शर्मा और निगम स्वास्थ्य स्थापना शाखा की प्रभारी अधिकारी धन्नी कुमारी प्रान आवेदन की प्रक्रिया पूरी करवाने में जुटे हुए है। लेकिन ऑनलाइन आवेदनों की गति नहीं बढऩे से इनकी चिंताए बढ़ रही है। निगम की लेखाशाखा के अधिकारी भी कर्मचारियों के फरवरी के वेतन बिल आहरण को लेकर कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। बताया जा रहा है कि प्रान नंंबर जारी नहीं होने की स्थिति में अब निगम प्रशासन, डीएलबी से कुछ समय मांग सकता है ताकि शेष कर्मचारियों के प्रान नंबर के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो सके। उपायुक्त पंकज शर्मा के अनुसार प्रान नंबर आवंटन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कम्प्युटर ऑपरेटर लगाए गए है। वेबसाइट की धीमी गति के कारण धीमी गति से आवेदन हो रहे है।

पत्रिका ने उठाया मुद्दा
निगम में एनपीएस के तहत नियुक्त कर्मचारियों के प्रान नंबर जारी नहीं होने और जिन कार्मिकों के प्रान नंबर जारी हो चुके है उनकी सम्पूर्ण राशि संबधित कर्मचारी के प्रान खाते में जमा करवाने का मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया है। पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद निगम ने प्रान नंबर आवेदन के लिए सात कम्प्युटर ऑपरेटर नियुक्त किए। प्रान नंबर से वंचित कर्मचारियों से संबंधित दस्तावेज लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। 268 कर्मचारी जिनके प्रान नंबर आवंटित हो चुके है व राशि खातों में जमा होनी बाकी है, इस ओर भी निगम ने प्रयास शुरू कर दिए है।