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पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ होंगे बीएसएफ के नए डीआइजी

bikaner news: गोल्फ के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और मूलतः बीकानेर के है निवासी  

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पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ होने बीएसएफ के नए डीआइजी

पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ होने बीएसएफ के नए डीआइजी

बीकानेर। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बीकानेर सेक्टर के नए उप महानिरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ होंगे। बीएसएफ मुख्यालय दिल्ली से राठौड़ का तबादला बीकानेर डीआइजी के पद पर किया गया है।
बीएसएफ (Border Security Force) सूत्रों के अनुसार राठौड़ के बीकानेर स्थानांतर सम्बन्धी आदेश शुक्रवार को जारी किए गए। डीआइजी राठौड़ मूलतः बीकानेर जिले के ही रहने वाले औऱ गोल्फ तथा बास्केटबॉल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है। राठौड़ राजपथ पर पांच बार परेड़ का नेतृत्व भी कर चुके है और पुलिस मेडल से सम्मानित है।

50 और अभ्यर्थियों के पास आए ठग गिरोह के फोन
- अद्र्धसैनिक बलों में सिपाही भर्ती का मामला

बीकानेर. कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से देशभर में की जा रही अद्र्धसैनिक बलों के सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की चिकित्सकीय जांच के दौरान ठगी के कुछ और मामले सामने आए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सेक्टर मुख्यालय में हुई चिकित्सा जांच के दौरान आए ५० और अभ्यर्थियों ने भर्ती बोर्ड व पुलिस को ठग गिरोह के फोन आने की लिखित शिकायत दी है। 'राजस्थान पत्रिकाÓ ने कुछ दिन पहले ही भर्ती प्रक्रिया में ठग गिरोह की सेंधमारी का खुलासा किया था।
चिकित्सा जांच के लिए गठित बोर्ड के पीठासीन अधिकारी अनिल यादव ने कोटगेट थाने को अभ्यर्थियों से मिली शिकायत का विस्तृत ब्योरा दिया है। इससे पहले एेसे 80 अभ्यर्थियों की शिकायत पुलिस को देते हुए कोटगेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। पुलिस को बताया गया कि अभ्यर्थियों के मोबाइल पर कॉल कर ठग गिरोह के लोग खुद को भर्ती बोर्ड का अधिकारी बताते हुए रुपए देने की मांग कर रहे हैं। एेसी ५० मोबाइल कॉल का ब्योरा पुलिस को दिया है। गिरोह जिन बैंक अकाउंट में पैसे जमा कराने की बात कहते हैं, उनकी जानकारी भी पुलिस को दी है।
सतर्कता से ठगी से बचें
भर्ती बोर्ड के अधिकारी अभ्यर्थियों को लगातार सचेत करते रहे है। बीकानेर में करीब २५०० अभ्यर्थियों की चिकित्सा जांच की प्रक्रिया चली है। ठग गिरोह के सक्रिय होने का पता चलते ही भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने रोजाना अभ्यर्थियों से समझाइश करनी शुरू की। पहले कुछ अभ्यर्थी ठग गिरोह के झांसे में आ गए, लेकिन बाद में ठगी का यह खेल नहीं चल सका।