बसों व अन्य वाहनों के साथ ही जाम में १०८ एम्बूलेंस भी फंस गई। इसमें प्रसूता थी जिसको प्रसव के लिए जैतपुर अस्पताल ले जाया रहा रहा था। करीब पौन घण्टे तक एम्बूलेंस खड़ी रही जिससे प्रसूता को पीड़ा सहन करती रही, तब एम्बूलेंस चालक पूनम चंद कुकणा व ईएमटी भागीरथ ने प्रसूता की सार-संभाल की। एम्बूलेंस फंसी होने की सूचना पूर्व उप प्रधान शिवरतन शर्मा व अन्य लोगों ने स्टेशन कर्मचारियों को दी। तब जाकर आनन-फानन फाटक खुलवाया। एम्बूलेंस व अन्य वाहनों को रवाना किया गया। बाद में सिग्नल दुरुस्त होने पर ट्रेनों को रवाना किया गया।