
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा। फोटो पत्रिका
Rajasthan Government Decision : कोर्ट पेशी या दूसरी जेल में शिटिंग के दौरान पुलिस अभिरक्षा में जाने वाले बंदियों को अब सफर के दौरान भूखा नहीं रहना पड़ेगा। राज्य सरकार ने 32 साल बाद बंदियों के खुराक भत्ते को दस रुपए से बढ़ाकर 70 रुपए प्रतिदिन कर दिया है। यह फैसला उन बंदियों के लिए बड़ी राहत है, जो अब तक पांच-दस रुपए में बिस्किट या सूखा नाश्ता खाकर दिन गुजारते थे।
गौरतलब है कि बीकानेर केन्द्रीय कारागार से प्रतिदिन लगभग 48 से 50 बंदी विभिन्न कोर्ट या जेलों में पेशी अथवा स्थानांतरण के लिए भेजे जाते हैं। आठ घंटे से अधिक की यात्रा की स्थिति में पहले बंदी को सिर्फ 10 रुपए मिलते थे, जिससे भोजन का कोई समुचित प्रबंध संभव नहीं हो पाता था।
जेल सूत्रों के अनुसार, भोजन के अभाव में कई बार बंदी यात्रा के दौरान भूख से विचलित होकर झगड़ने लगते थे, जिससे पुलिस जवानों को उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता था। अक्सर पुलिस कर्मियों को इन बंदियों को अपनी जेब से भोजन कराना पड़ता था। ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आतीरही हैं।
राजस्थान सरकार के गृह विभाग की संयुक्त सचिव अनुराधा गोगिया द्वारा जारी आदेश में इस बढ़ोतरी को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति दी गई है। आदेश के अनुसार, अब प्रत्येक बंदी को पुलिस अभिरक्षा में यात्रा के दौरान प्रतिदिन 70 रुपए का खुराक भत्ता मिलेगा। इस राशि का भुगतान संबंधित जेल की ओर से किया जाएगा। दरअसल, सरकार की अन्नपूर्णा योजना का लाभ सीमित स्थानों तक ही था, लेकिन अब नकद भत्ते से ज्यादा लचीलापन मिलेगा।
बंदी खुराक भत्ते को 10 से बढ़ाकर 70 रुपए कर दिया गया है। इससे पुलिस अभिरक्षा में बंदियों को भोजन की सुविधा मिल सकेगी।
सुमन मालीवाल,उप महानिरीक्षक, बीकानेर केन्द्रीय कारागार
Published on:
08 Aug 2025 10:16 am
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