18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

घर-घर में गूंजे हर-हर महादेव के स्वर

Sawan Monday- सावन का चौथा सोमवार : श्रद्धालुओं ने घरों में किया महादेव का अभिषेक-पूजनअलसुबह से रात तक चलता रहा पूजन का दौर

2 min read
Google source verification
घर-घर में गूंजे हर-हर महादेव के स्वर

घर-घर में गूंजे हर-हर महादेव के स्वर

बीकानेर. सावन के चौथे सोमवार पर घर-घर में महादेव का रूद्राभिषेक -पूजन कर आरती की गई। अलसुबह से शुरू हुआ अभिषेक-पूजन का दौर रात तक चलता रहा। इस दौरान शिवभक्तों ने भगवान शिव को रिझाने के लिए जल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शर्करा, शहद, विजया, गन्ना रस आदि से अभिषेक किया। रूद्राष्टध्यायी पाठ के बीच चले अभिषेक -पूजन के दौरान महादेव का स्तुती गान किया गया।

घर-परिवार के सदस्यों ने सामुहिक रूप से भगवान शिव का अभिषेक कर आक, धतूरा, भस्म, विभिन्न प्रकार के पुष्पों से महादेव का श्रृंगार किया। इस दौरान घरों में वेद मंत्र और हर-हर महादेव के स्वर गूंजते रहे। कोरोना के कारण मंदिरों में प्रवेश पर लगी हुई पाबंदी के कारण शिवालयों में सन्नाटा रहा। मंदिर पुजारियों ने कोरोना एडवाइजरी की पालना करते हुए महादेव का अभिषेक-पूजन किया। सावन सोमवार पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। सावन के पहले दिन से चल रहे सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण, पूजन और अनुष्ठान स्थलों पर महादेव का विभिन्न पदार्थो से रूद्राभिषेक कर पूजन किया गया।

कोरोना से मुक्ति की कामना
शिवभक्तों ने महादेव का अभिषेक-पूजन कर कोरोना संक्रमण से मुक्ति की कामना की। मंदिरों में पुजारियों ने महादेव का अभिषेक-पूजन कर कोरोना संक्रमण से मुक्ति की कामना की। घर-घर में चले अभिषेक-पूजन के दौरान भी घर-परिवार के सदस्यों ने विश्व कल्याण की कामना करते हुए मानव जाति को कोरोना संक्रमण से बचाने की प्रार्थना भगवान शिव से की। सोमवार पर नर्सिंग छात्राओं ने कोटेश्वर महादेव पर जल अर्पित कर कोरोना से मुक्ति की कामना की।

सूखा रहा सोमवार
सावन का चौथा सोमवार भी सूखा रहा। सावन के बावजूद शहर के तालाब और तलाईयां बिना बारिश के सूखे पड़े है। सावन में अच्छी बारिश होने व तालाबों में पानी भर जाने से सोमवार के दिन मंदिरों और तालाबों पर विशेष रौनक रहती है। कोरोना के कारण मंदिरों में पहले से ही श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगी हुई पाबंदी के कारण सन्नाटा पसरा रहा। वहीं तालाबों के सूखे होने से यहां भी रौनक नहीं रही।