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कहां मिलेगा 325 रुपए में क्रिकेट बेट !

ग्रामीण ओलंपिक खेल, हॉकी के स्टिक का बजट तक नहीं!

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कहां मिलेगा 325 रुपए में क्रिकेट बेट !

कहां मिलेगा 325 रुपए में क्रिकेट बेट !

भागीरथ ज्याणी
बज्जू. खेलों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया जाना है। राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त से शुरू होने वाले ग्रामीण ओलंपिक को लेकर अधिकारी व कर्मचारी इसको सफल बनाने में मैराथन कार्य में जुटे हैं। इन खेलों के लिए खेल सामग्री के खरीदने के लिए बजट भी जारी किया गया है। इससे जुड़े जानकार बताते हैं कि यह बजट सामग्री खरीदने के लिए नाममात्र है। इस बजट से खेल सामग्री खरीदना सबके सामने चुनौती होगा। अन्यथा स्कूलों में पहले से रखी सामग्री से प्रतियोगिता करवानी मजबूरी होगी।


यह राशि निर्धारित
ग्रामीण ओलंपिक खेल में 650 रुपए की राशि से 2 क्रिकेट बेट, 150 रुपए में 3 टेनिस बॉल, 550 रुपए में एक शूङ्क्षटग वॉलीबॉल, 400 रुपए में एक शूङ्क्षटग वॉलीबॉल नेट, हॉकी खेलने के लिए 150 रुपए में 2 बॉल, 550 रुपए में समेङ्क्षसग वॉलीबॉल, 400 रुपए में एक नेट व 150 में 2 हॉकी बॉल खरीदने के लिए 3150 रुपये का बजट घोषित किया है।


दुकान खोज रहे
कहने को तो ग्रामीण ओलंपिक में टेनिस बॉल से क्रिकेट प्रतियोगिता होगी, लेकिन खेल सामग्री खरीदने वाले शारीरिक शिक्षक व संस्था प्रधान 325 रुपए में बेट मिलने वाली दुकान खोज रहे हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि 325 रुपए में किसी प्रकार का बेट बाजार में उपलब्ध नही है, फिर भी बजट बनाया है, इससे सभी हैरान है। बाजार में सामान्य रूप से खेलने के लिए 600-700 की राशि से बेट की शुरुआत होती है। जबकि 650 में 2 बेट खरीदने है। वहीं टेनिस बॉल के दाम भी बढ़ गए हैं जिसमें एक टेनिस बॉल जिससे अमूमन युवा खेलते है। उसके दाम 60 रुपए है तो 150 रुपए की राशि से 3 बॉल कैसे आएगी?


बिना हॉकी स्टिक कैसे खेलेंगे
एक तरफ जहां राज्य सरकार खेलों को लेकर 3150 रुपए प्रति पंचायत खेल सामग्री के लिए बजट आवंटन करने का आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन विडंबना यह है कि हॉकी खेलने के लिए स्टिक तक का बजट नहीं बनाया गया जिससे सभी निराश है। ग्रामीण स्तर पर कहने को तो सबसे ज्यादा कबड्डी व क्रिकेट टीमों का गठन हुआ है, लेकिन राष्ट्रीय खेल में भी दिलचस्पी दिखाने वाले पुरुष व महिला खिलाडिय़ों ने हॉकी के लिए आवेदन किया है और अधिकाशं गांवों से हॉकी की टीम का भी गठन हुआ है लेकिन हॉकी स्टिक के लिए बजट नही आने से आवेदन करने वाले खिलाडिय़ों में निराशा है।