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Saturn Retrograde 2023: शनि आज से होंगे वक्री, आपको सुख देंगे या दुख, जानें यहां…

Saturn Retrograde 2023: शनि के अशुभ होने से जातक को अनेक अच्छी-बुरी परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। शनि देव 17 जून से 4 नवम्बर तक अपनी स्वराशि कुंभ मूल त्रिकोण में वक्री होगा। वक्री होकर शनि अपनी मूल राशि कुंभ में छह महीने तक वक्री अवस्था में संचरण करेगा।

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Vakri Shani Shubh Aur Ashubh

Vakri Shani Shubh Aur Ashubh

बीकानेर. Saturn Retrograde 2023: न्याय के देवता शनि देव शनिवार से वक्री होंगे व 4 नवम्बर तक अपनी स्व राशि कुंभ में वक्री अवस्था में संचरण करेंगे। शनि देव के वक्री होने के कारण कई राशियों पर इसका अच्छा-बुरा प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार, इस दौरान राजनीतिक क्षेत्र में आश्चर्यजनक परिवर्तन सामने आ सकते हैं। पंडित किराडू के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना गया है। ज्योतिष के अनुसार शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है और तुला राशि में उच्च का शनि होता है। शनि के अशुभ होने से जातक को अनेक अच्छी-बुरी परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। शनि देव 17 जून से 4 नवम्बर तक अपनी स्वराशि कुंभ मूल त्रिकोण में वक्री होगा। वक्री होकर शनि अपनी मूल राशि कुंभ में छह महीने तक वक्री अवस्था में संचरण करेगा।

यह करें उपाय

अशुभ राशि वालों को शनिवार का व्रत, शनि देव की उपासना, पीपल वृक्ष की पूजा, हनुमानजी की आराधना, शनि मंदिर में काला वस्त्र, काली कंबल, काले तिल, तेल, लोहे का पात्र, दक्षिणा सहित दान करना चाहिए । इन उपायों से शारीरिक, आर्थिक, राजनैतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में अच्छी स्थिति रहेगी

139 दिन वक्री रहेंगे शनि देव

डॉ. आलोक व्यास के अनुसार, वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय और कर्म प्रधान ग्रह माना गया है, जो व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार जीवन में फलित करता है। शनि मानव जीवन में न्याय, चिंतन, कष्ट, पीड़ा, आयु, सजा, गुलामी, दुःखद अनुभव, वृद्धावस्था, प्रजा, तकनीकी ज्ञान, खनिज वस्तुएं, तेल इत्यादि का कारक होता है। ज्योतिष दृष्टिकोण से वक्री अवस्था में ग्रह अपने शुभ अशुभ प्रभावों में बढ़ोतरी दर्शाता है, क्योंकि विद्यमान राशि में उसका समय काल बढ़ जाता है।शनि 17 जून 2023 को रात्रि 10:48 पर कुम्भ राशि में वक्री होंगे और 4 नवंबर 2023 को कुंभ राशि में ही पुनः मार्गी होंगे (कुल 139 दिन)। चूंकि शनि इस बार अपनी ही राशि में वक्री हो रहे हैं, अतः शनि के शुभ फलों में अधिकता रहेगी ।

राशि अनुसार प्रभाव

मेष : संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, आय में वृद्धि हेतु प्रयास, बड़े भाई बहनों का सहयोग।

वृषभ: कार्यस्थल को प्राथमिकता, रोजगार हेतु अथवा पदोन्नति हेतु प्रयासों अधिकता, सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी।

मिथुन: धार्मिक अनुष्ठान अथवा धार्मिक क्रियाकलाप हेतु यात्रा, उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद।

कर्क: भय अथवा आशंका गुप्त विद्या या तंत्र मंत्र यंत्र की ओर रुझान, भूमिगत वस्तुओं से लाभ।

सिंह: नव साझेदारी के योग, जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग, विवाह अथवा सगाई के अवसर।

कन्या: दैनिक कार्यों में अधिक उर्जा, रोग ऋण अथवा शत्रु बाधा, कानूनी वाद विवाद।

तुला: रचनात्मक कार्यों की ओर रुझान, प्रेम प्रसंग अथवा सट्टेबाजी की मनोवृति, संतान संबंधी चिंता, शेयर मार्केट से लाभ।

वृश्चिक: भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के योग, गृह स्थान पर नवाचार, माता संबंधी चिंता।

धनु: नवीन कार्य प्रारंभ करने हेतु प्रयास, अल्प दूरी की यात्रा, छोटे भाई बहन या अधीनस्थ का सहयोग।

मकर: स्थाई संपत्ति में बढ़ोतरी हेतु प्रयास, पारिवारिक सहयोग, नेत्र अथवा वाणी दोष।

कुंभ: एकांतवास, आत्मचिंतन या मनन, आत्मछवि में सुधार हेतु प्रयास।

मीन: विदेश प्रवास या लंबी दूरी हेतु यात्रा की चाह, व्यय में बढ़ोतरी, व्यापार में हानि।