शिवालयों के साथ-साथ घर-घर में भी महादेव का अभिषेक-पूजन किया गया। सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन स्थलों पर विशेष अनुष्ठान हुए। पूगल रोड स्थित श्री हीरेश्वर महादेव मंदिर में हिरेश्वर महादेव का बफऱ् शिवलिंग का श्रृंगार किया गया।
दिन भर चले अभिषेक-पूजन
शिवालयों में अलसुबह से शुरू हुए पूजन अभिषेक के दौर देर रात तक चले। घर-परिवार के सदस्यों सहित मित्र मंडलियों व शिवभक्तों ने सामूहिक रूप से महादेव का अभिषेक-पूजन किया। सावन के पहले दिन से चल रहे महादेव के व्रत-अनुष्ठान स्थलों पर विशेष अभिषेक-पूजन हुए। सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण, पूजन स्थलों पर महादेव का रूद्राभिषेक कर महाआरती की गई। कई स्थानों पर महाप्रसाद के आयोजन हुए। वहीं घरों व मंदिरों में महादेव के भजन, स्तुती गान हुए।
मंदिरों में जयकारे
सावन सोमवार पर शिवालय महादेव के जयकारों से गूंजते रहे। शहर में स्थित लालेश्वर महादेव, धरणीधर महादेव, अमरेश्वर महादेव, महानंद महादेव, गज गंगेश्वर महादेव, काशी विश्वनाथ महादे, गोपेश्वर नाथ, भूतनाथ महादेव, बारह महादेव, शिखरबंद महादेव, गौरी शंकर महादेव, अचलेश्वर महादेव, नाटेश्वर महादेव, जबरेश्वर महादेव, जनेश्वर महादेव, पातालेश्वर महादेव, आत्मेश्वर महादेव, मार्कण्डेय महादेव, विश्वजीत महादेव, डूंगरेश्वर महादेव, ऋण मुक्तेश्वर महादेव, मुक्तिनाथ महादेव सहित सभी शिवालयों में अभिषेक-पूजन के दौर चले। वहीं नत्थूसर गेट के बाहर स्थित जोशी, बगीची, सूरदासाणी बगीची, रंगोलाई बगीची, आचार्य बगीची आदि स्थानों पर स्थित शिवालयों में सावन सोमवार पर अभिषेक-पूजन के आयोजन हुए। जबरेश्वर महादेव मंदिर दर्जियों की बड़ी गवाड में बच्चों द्वारा महादेव को एक नया रूप प्रदान किया। काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर में ३१ किलो शहद से अभिषेक किया गया। कनू मंडल के अध्यक्ष कन्हैयालाल रंगा के सानिध्य में पंडित लक्ष्मीकांत छंगाणी द्वारा कराए गए अभिषेक के दौरान अशोक पुरोहित,बृजु पुरोहित, केके छंगाणी, इन्दु जोशी, सागरसा और किसन स्वामी ने भाग लिया।
डॉ. कल्ला ने शिवबाड़ी में किया रूद्राभिषेक
सावन सोमवार पर ऊर्जा मंत्री डॉ. बुलाकी दास कल्ला ने शिवबाड़ी स्थित लालेश्वर महादेव मंदिर में रूद्राभिषेक किया। इस अवसर पर डॉ. कल्ला ने गणेश, अंबिका, कार्तिक, नंदीश्वर और वीरभद्र पूजन किया। पंडित महेश व्यास व पंडित नंद किशोर किराडू के सानिध्य में पंडित मदन छंगाणी, पंडित गणेश छंगाणी, पंडित जितेन्द्र ओझा, पंडित रमेश ओझा, पंडित अशोक देराश्री ने भागीदारी निभाई। रूद्राभिषेक के दौरान जनार्दन कल्ला, कन्हैया लाल कल्ला, बी जी व्यास आदि उपस्थित रहे।