कोलायत के मिठडि़यां गांव निवासी सेवानिवृत कर्मी अनोपाराम, ग्राम सेवक किशन लाल, पुलिस कांस्टेबल बुधराम, तृतीय श्रेणी अध्यापक किशनाराम, डाककर्मी केशुराम, सेवानिवृत व्याख्याता सुजानाराम, सेवानिवृत आरएसी कांस्टेबल मोहन लाल, अध्यापक अर्जुन सिंह, ठेकेदार गणपतराम, हड़मानाराम तथा महीराम के नाम खाद्य सुरक्षा में जुड़े हुए हैं।
खाद्य सुरक्षा के निर्धारित मापदण्डों पर नजर डाली जाए तो इनमें मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के पात्र, मुख्यमंत्री एकल नारी योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना सहित विभिन्न पात्र योजनाओं से जुड़े रहने वाले व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा के लाभ मिलते हैं, जबकि एेसे परिवार जिनका कोई भी एक सदस्य आयकरदाता हो,
जानकारों की मानें तो विकास अधिकारियों को खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जोडऩे के लिए राज्य सरकार ने विशेष पासवर्ड दिए थे। इस दरमियान उनके पासवर्ड का गलत उपयोग हुआ। इसमें उचित मूल्य दुकानदारों के साथ-साथ निजी लोगों द्वारा पासवर्ड के गलत उपयोग करने की बातें भी निकल कर आ रही है। इनके पासवर्ड और आईपी एड्रेस की जांच की जाए तो कई चौंकाने वाले राज उजागर हो सकते हैं। बताया जाता है कि सबसे ज्यादा गड़बडि़यां लूणकरनसर और श्रीकोलायत में जून 2016 से अगस्त 2017 के बीच हुई है।
रसद विभाग में हुए तथाकथित घोटालों की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने राशन का वितरण करने वाले एक ठेकेदार के गोदाम को सीज कर दिया। उसके यहां प्रथम दृष्टया काफी अनियमितताएं मिली हैं। जांच के दौरान ठेकेदार से गोदाम की स्वीकृति से जुड़े दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन वह उसने उपलब्ध नहीं करवाए। ठेकेदार ने स्टॉक रजिस्टर देने में भी आना-कानी की।