बिश्नोई समाज ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, सांसों के लिए पर्यावरण को बचाना ऐसे बनी चुनौती
बीकानेर/नोखा। मुकाम में चल रहे पांच दिवसीय फाल्गुनी मेले में बुधवार को बिश्नोई समाज की ओर से खुला अधिवेशन हुआ। इसमें पुलवामा आंतकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। बिश्नोई समाज की दशा-दिशा पर मंथन किया गया और समाज हित में कुछ अहम निर्णय भी लिए गए। समाज की पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
पर्यावरण शुद्धि के लिए बढ़ाएं कदम
अधिवेशन में वक्ताओं ने कहा कि आज पर्यावरण और मानवता दोनों ही बुरी तरह प्रदूषित हो रहे हैं, इनको बचाने के लिए प्रयास करने होंगे। तभी हम आने वाली पीढिय़ों के लिए स्वच्छ वातारण छोड़कर जा पाएंगे। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक व कांग्रेसी नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि आज पूरा विश्व पर्यावरण को बचाने के लिए चितिंत है। मानव समाज ने पर्यावरण को दूषित कर दिया है, अंधाधुंध हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है और प्लास्टिक का उपयोग कर फेंकने से प्रदूषण फैल रहा है। बड़े शहरों में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है।
जांभोजी के सिद्धांतों पर चलकर बचाएं पर्यावरण
दिल्ली व गुडग़ांव सभी खतरे के निशान पर है। हमें जांभोजी के सिद्धांतों पर चलते हुए पर्यावरण को बचाना होगा। विश्वभर में तीन तिहाई लोग प्रदूषित पानी पी रहे हैं, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां फैल रही है। गुरु जम्भेश्वर महाराज ने बिश्नोई धर्म का निर्माण मानव मात्र के कल्याण के लिए किया था। हमें उनके बताए २9 नियमों पर चलकर मानव जाति का कल्याण और संस्कारवान समाज का निर्माण करना होगा। सभी धर्मों का सम्मान करने, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने, समाज की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने और राजनीतिक क्षेत्र में समाज के लोगों को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा में फेरबदल का माहौल बना हुआ है।