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सुबह छाया रहा कोहरा, दिनभर बादलों की आवाजाही

दिन और रात का तापमान एक से दो डिग्री तक गिरा

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Shadow in the morning fog, movement of clouds all day long

सुबह छाया रहा कोहरा, दिनभर बादलों की आवाजाही

बीकानेर . अंचल में बादलों की आवाजाही के बीच गुरुवार को सुबह कोहरा छाया रहा। कोहरे का असर सुबह ११ बजे तक रहा। दिनभर बादलों की आवाजाही रही। इससे लोगों को सूर्यदेव के दर्शन पूरी तरह से नहीं हो पाए। बादल छाने और सर्द हवा चलने से दिन का तापमान एक डिग्री और रात का तापमान दो डिग्री गिर गया। इससे सर्दी और बढ़ गई। मौसम विभाग के प्रभारी अधिकारी संजीव थानवी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में बारिश होने से सर्द हवा फिर शुरू हो गई है। जिले में अगले दो दिनों में बारिश भी हो सकती है।

शहर में सुबह घना कोहरा छाया रहा। इससे दृश्यता २०० मीटर तक रही। दिन के चढऩे के साथ कोहरे का असर कम होता गया। कोहरा छाने से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी कम रही और चालकों को दिन में भी वाहनों की लाइट जलाकर चलना पड़ा। शाम होते ही ठिठुरन बढ़ गई। शहर का अधिकतम तापमान २२.५ डिग्री व न्यूनतम तापमान १४.५ डिग्री सेल्सियस रहा।

मान्यता से किसी का अहित नहीं

बीकानेर .विश्व मातृभाषा दिवस हर भाषा के व्यक्ति के लिए एक अहम दिवस होता है। विश्व के हर देश और प्रदेश की अपनी-अपनी मातृभाषाएं हैं और सभी मातृभाषाएं व्यक्ति की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है।
इसी महत्वपूर्ण सोच और राजस्थानी भाषा की मान्यता हेतु राजस्थानी युवा लेखक संघ एवं प्रज्ञालय संस्थान द्वारा विश्व मातृभाषा दिवस पर आयेाजित पांच दिवसीय आयेाजनों के दूसरे दिन सोशल मीडिया के माध्यम से राजस्थानी के हित में व्यापक समर्थन लेने का कार्य प्रभारी कासिम बीकानेरी ने किया। विश्व के कई देशों एवं भारत के अनेक प्रांतों के साथ अनेक भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों एवं अन्य कला से जुड़े लोगों का व्यापक समर्थन लिया। भारतीय भाषा के विभिन्न साहित्यकारों एवं अन्य कला से जुड़े हुए लेागों ने कहा कि किसी भी प्रदेश के प्रादेशिक भाषा को वहां की दूसरी राजभाषा बनाने एवं संवैधानिक मान्यता देने से हिन्दी और अन्य किसी भारतीय भाषा का अहित नहीं होता है।
राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से राजस्थानी को व्यापक समर्थन मिलना अच्छा संकेत है। तीसरे दिन नई पीढ़ी को राजस्थानी भाषा और साहित्य से जोडऩे के लिए पहली बार कविता लेखन का आयोजन नालंदा पब्लिक सीसै स्कूल के सृजन सदन में रखा गया है।